शांति कालीन वीरता पुरस्कार: आज हम चर्चा करने वाले हैं शांति कालीन वीरता पुरस्कार जैसे अवार्ड के बारे में जो की है अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र जैसा कि हम जानते हैं कि भारत में अनेक ऐसी पुरस्कारे है चाहे वो किसी तरह का सैन्य पुरस्कार हो या फिर सिविलियन पुरस्कार हो तो दोस्तों आज हम इन्हीं तमाम पुरस्कारो के बारे में चर्चा करने वाले हैं।
भारत में पुरस्कारों की शुरुआत और परिचय:
भारत और पाकिस्तान के बीच 1947-48 में एक युद्ध हुआ था जिस युद्ध के बाद जिन लोगों ने उस पूरी युद्ध के दौरान अपने जीवन का बलिदान दिया था और जो लोग शहीद हो गए उन लोगों को सम्मानित करने के लिए भारत सरकार कि तरफ से 1950 में युद्ध कालीन सैन्य पुरस्कारों की शुरुआत की गई थी लेकिन इन पुरस्कारों की शुरुआत के बाद धीरे-धीरे सरकार को यह पता चलता है कि अक्सर जो हमारे सैनिक है युद्ध की स्थिति में ही नहीं बल्कि कई बार हमारे जो सैनिक है, सिविलियन है वह दुश्मन के अनुपस्थिति में भी, शांति कालीन स्थिति में भी बहुत साहसी प्रदर्शन करते हैं तो इन्हीं तमाम लोगों को सम्मानित करने के लिए भारत सरकार की ओर से 4 जनवरी 1952 को तीन पुरस्कारों की शुरुआत की गई थी जिसमें है अशोक चक्र वर्ग एक, अशोक चक्र वर्ग 2 और अशोक चक्र वर्ग 3 यह जो पुरस्कार है वह शांतिकालीन पुरस्कार था यानी की जब हमारे देश में शांति मौजूद है हम किसी दूसरे देश के साथ युद्ध नहीं लड़ रहे हैं ऐसी स्थिति में अगर हमारा कोई सैनिक है या कोई अधिकारी है या सिविलियन है वह बहुत शानदार प्रदर्शन करता है तो ऐसी परिस्थिति में सरकार द्वारा इन्हीं तमाम बेहतर प्रदर्शन करने वाले सैनिकों को सम्मानित करने के लिए ये तीन पुरस्कारों की शुरुआत की गई थी लेकिन इन पुरस्कारों को पूर्वव्यापी प्रभाव के तरीके से लागू किया गया था यानी पुरस्कार की शुरुआत तो 1952 में कि गई थी लेकिन पुरस्कार जो लागू हुआ यानी कि पुरस्कार की विकृत करने का जो वर्ष था वो साल 1947-48 का युद्ध था उसके बाद से लगातार इस पुरस्कार से लोगों को सम्मानित किया जाने लगा।
लेकिन पुरस्कारों के नाम का एक जैसा होने के कारण धीरे-धीरे भारत सरकार को यह महसूस होने लगा कि हमें इन तीनों पुरस्कारों को एक अलग नाम देना चाहिए और इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने जनवरी 1967 में अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र का नया नाम दिया गया।
तो इस तरह से हम कह सकते हैं कि वर्तमान समय में भारत में कुल तीन तरह का शांतिकालीन पुरस्कार मौजूद है जिनका नाम है अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र।
अशोक चक्र कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र जैसे पुरस्कारों को सम्मानित किया जाता है जब हमारे देश में शांति कालीन दौर मौजूद हो जिसमें हमारे सैनिक कोई बहादुरी का प्रदर्शन करता है और अपना आत्म बलिदान हेतु वीरगति को प्राप्त हो जाता है तो ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा उसे व्यक्ति को इन तीनों पुरस्कारों में से किसी एक पुरस्कारो से सम्मानित किया जाता है।
पात्रता (पद, कार्य की योग्यता):
सबसे पहले इसमें सेना के किसी जवान को इन तीनों पुरस्कारों में से किसी एक से सम्मानित किया जा सकता है नौसेना को सम्मानित किया जा सकता है वायु सेवा के किसी व्यक्ति को सम्मानित किया जा सकता है और रिजर्व बल के किसी व्यक्ति को सम्मानित किया जा सकता है इसके अलावा किसी प्रादेशिक को भी सम्मानित किया जा सकता है या फिर सरकार द्वारा किसी कानून के माध्यम से कोई फोर्स बनाए जाते हैं तो उस फोर्स के जो अधिकारी होंगे या कोई सैनिक होंगे उन सैनिकों को भी इन पुरस्कारों से सम्मानित किया जा सकता है। इसके अलावा जो सभी रैंक के अधिकारी हैं चाहे वह महिला हो चाहे वो पुरुष हो सभी को इन पुरस्कारों से सम्मानित किया जा सकता है।
इसके अलावा जो सशस्त्र बलों की नर्सिंग स्टाफ है उन सदस्यों को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा सकता है। इसके अलावा शांतिकालीन पुरस्कार में दो और श्रेणी जोड़ दिए जाते हैं यानी कि जो केंद्रीय अर्ध-सैन्य बल(CAF) है और जो रेलवे सुरक्षा बल के सभी पुलिस कर्मी, उनको भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा सकता है।
इसके अलावा जीवन के किसी भी क्षेत्र से जुड़े नागरिक को (डॉक्टर, इंजीनियर या कोई स्टूडेंट आदि) जो कि किसी भी क्षेत्र में अपना बेहतर प्रदर्शन करता है तो उसे भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा सकता है।
अशोक चक्र -परिचय:
अशोक चक्र मुख्य तौर पर भारत में सर्वोच्च शांतिकालीन सैन्य अलंकरण यानी कि भारत में जब शांति मौजूद हैं तो इस स्थिति में हमारे सैनिक कोई बहादुरी का प्रदर्शन करता है तो उसे इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है और इस तरह से अशोक चक्र को परमवीर चक्र भी कहा जाता है। और इसके अलावा भारत में 97 लोगों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। और पहले जो दो लोग थे जिनको सम्मानित किया गया था, वे थे हवलदार बचित्तर सिंह, और दूसरे व्यक्ति थे नायक नरबहादुर थापा।
अशोक चक्र – डिजाईन:
अशोक चक्र एक गोलाकार आकृति में है जो 35 मिलीमीटर व्यास और इसमें हमें सोने की कोटिंग देखने को मिलता है।
इसके अलावा इसके अगले हिस्से के केंद्र में अशोक चक्र होता है जिसमें 24 तिलियां पाया जाता है इसके अलावा कमल की माला बनी रहती है और अंत में एक रिम बनीं होती है।
इसके अलावा अशोक चक्र के पिछले हिस्से पर मुख्य तौर पर हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में अशोक चक्र लिखा होता है और इसके साइड में कमल का प्रतीक भी है। इसके अलावा इसके अलावा इसमें जो रिबन होता है वो हरा रंग का होता है और नारंगी रेखा द्वारा विभाजित होता है।
अशोक चक्र के साथ कितनी पुरस्कार राशि मिलती है?
अशोक चक्र से जिस व्यक्ति को सम्मानित किया जाता है उसको केंद्र सरकार की ओर से प्रतिमाह ₹12000 और राज्य सरकारों द्वारा अलग से पुरस्कार दिए जाते हैं इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा पुरस्कार राशि मरने के बाद भी दिया जाता है। यानी कि जो व्यक्ति देश की सुरक्षा के लिए अपना बलिदान देता है उसके परिवार को यह पुरस्कार सम्मानित किया जाता है और इस तरह से ये जो पुरस्कार है वह परिवार वालों को भी सम्मानित करता है। इसके अलावा उनके परिवार वालों को रेल यात्रा और चिकित्सकीय सुविधा में भी छूट दिया जाता है।
कीर्ति चक्र – परिचय:
दूसरा सबसे बड़ा शांतिकालीन सैन्य पुरस्कार कीर्ति चक्र है यानी कि अशोक चक्र के बाद उसका स्थान दूसरा पर है यह पुरस्कार सैन्य कर्मी और नागरिकों दोनों को दिया जाता है अब तक की कुल 488 लोगों को यह पुरस्कार सम्मानित किया जा चुका है इस अवार्ड से सम्मानित पहले व्यक्ति कैप्टन जोगिंदर सिंह घरया और बाद में लेफ्टिनेंट जनरल भी बने और उनके साथ-साथ कुल 11 लोगों को भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा इस पुरस्कार से पहले व्यक्ति सिविलियन बी.बी.एल.दत को सम्मानित किया गया था। और ग्लोरी बेरी जो मुख्य रूप से एयर इंडिया के फ्लाइट अटेंडेंट थी उनको भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। और अंत में कर्नल नीलकांतन जयचंद्रन नायर जैसे एक व्यक्ति थे जिनको कीर्ति चक्र और अशोक चक्र दोनों से सम्मानित किया गया था।
कीर्ति चक्र का डिजाईन:
कीर्ति चक्र मुख्य तौर पर गोलाकार डिजाइन का होता है और यह चांदी से निर्मित होता है। और उसका व्यास तकरीबन 35 मिलीमीटर के आसपास होता है तथा इसके आगे के हिस्सा में अशोक चक्र बना होता है और इसके चारों ओर कमल के फूलो की बेल बनी होती है। इसके अलावा इसे पिछले हिस्से में हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में कीर्ति चक्र लिखा रहता है और कमल की दो फूल बने रहते हैं इसके रिबन मुख्यतः ग्रीन कलर का होता है और नारंगी रंग के रेखाएं होती हैं।
कीर्ति चक्र और पुरस्कार राशि
कीर्ति चक्र के विजेता को जो केंद्र सरकार है वह मुख्यतः प्रतिमाह ₹9000 देती है और राज्य सरकार के द्वारा भी अलग से पुरस्कार दिए जाते हैं। तथा यह अवार्ड मरणोपरांत भी दिया जाता है। इसके अलावा रेल यात्रा और चिकित्सकिय सुविधा में भी छुट दिए जाते हैं।
शौर्य चक्र -परिचय:
शौर्य चक्र मुख्य तौर पर भारत में शांतिकालिन वीरता पुरस्कार के नाम से जाना जाता है। और यह भारत में शांति के समय मिलने वाले पद की श्रेणी में तीसरा सबसे महत्वपूर्ण पुरस्कार है यह पुरस्कार पहली बार 19 लोगों को दिया गया था और अभी तक 2126 लोग इसे प्राप्त कर चुके हैं।
शौर्य चक्र का डिजाइन:
यह पदक गोलाकार आकृति में है जो की कांसे से निर्मित किया गया है। इसकी व्यास 35 मिलीमीटर है और इसके अगले हिस्से में अशोक चक्र मौजूद है और उसके चारों ओर कमल के पुष्प की बेल बनी हुई है। और इसके पिछले हिस्से में हिंदी और अंग्रेजी में शौर्य चक्र लिखा हुआ है और शब्दों के बीच कमल के दो फूल है। तथा इसके हरे रंग के रिबन में तीन सीधी रेखाएं चार बराबर हिस्सों में विभाजित है।
शौर्य चक्र और पुरस्कार राशि
शौर्य चक्र जिस व्यक्ति को सम्मानित किया जाता है उसको प्रति माह ₹6000 से सम्मानित किया जाता है। तथा राज्य सरकार द्वारा अलग से पुरस्कार दिए जाते हैं इसके अलावा इस पुरस्कार को मरने के बाद भी दिया जाता है और रेल यात्रा और चिकित्सकीय सुविधा में और आवासीय सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है। जो की मुख्य तौर पर अशोक चक्र में भी मिलता है और कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र में भी मिलता है।