एलन मस्क की स्पेस कंपनी स्पेसएक्स (Spacex) ने सेटेलाइट के जरिए इंटरनेट सुविधा प्रदान करने के लिए स्टारलिंक प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। अभी तक स्पेस में इस प्रोजेक्ट के तहत लगभग 4200 के आसपास सैटेलाइट छोड़ो जा चुके हैं जो पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए इंटरनेट सेवा प्रदान कर रहे हैं। एलन मस्क जल्द ही भारत में स्टरलिंक प्रोजेक्ट के साथ इंटरनेट सेवा प्रारंभ करने जा रहे हैं।
एलन मस्क का स्टारलिंक प्रोजेक्ट (starlink project) विश्व के कई देशों में इंटरनेट सेवाएं दे रहा है। आईए जानते हैं क्या है यह प्रोजेक्ट और यह कैसे काम करता है।
Starlink project (स्टरलिंक प्रोजेक्ट)
एलन मस्क की स्पेसएक्स कंपनी द्वारा एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया है जो सेटेलाइट के माध्यम से इंटरनेट की सेवाएं प्रदान कर रहा है इसे स्टरलिंक प्रोजेक्ट के नाम से जाना जाता है। एलन मस्क के इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य एक ऐसी ब्रांड बैंड इंटरनेट सेवा को विकसित करना है जो अन्य इंटरनेट सेवाओं की अपेक्षा तेज, सस्ती एवं सुलभ हो।
आमतौर पर यह देखा जाता है कि सुदूर इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या हमेशा बनी रहती है। यह प्रोजेक्ट दूरदराज के उन क्षेत्रों के लिए सबसे फायदेमंद होगा जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी बेहद कम है या अस्तित्व में ही नहीं है।
कैसे मिलेगा कनेक्शन
स्टारलिंक की कनेक्शन के लिए एकस्टारलिंक किट प्रदान किया जाता है जिसमें स्टार लिंक डिश, वाई-फाई राउटर एवं बिजली आपूर्ति के लिए सेटअप लगे होते हैं इसके अलावा स्टार लिंक एप भी भी लॉन्च किया गया है जिसके तहत आप अपने सेवा एवं सिग्नल की तीव्रता को देख सकते हैं।
कितना तक होगा इंटरनेट स्पीड
एलन मस्क 300Mbps इंटरनेट स्पीड का दावा करते हैं लेकिन हाल ही में इंटरनेट प्रदर्शन की तीव्रता को मापने वाली संस्था Ookla के अनुसार 2023 के पहले तिमाही में इसकी सबसे ज्यादा स्पीड 67Mbps दर्ज की गई है। एलन मस्क लगातार इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं और इसके इंटरनेट स्पीड को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
कौन सा बेस्ट है फाइबर या सैटेलाइट नेटवर्क
इंटरनेट स्पीड की बात की जाए तो सैटेलाइट नेटवर्क फाइबर नेटवर्क से तेज नहीं हो सकता लेकिन सैटलाइट इंटरनेट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह दूर-दराज के गांवों में भी इंटरनेट माया कर सकता है जहां बुनियादी ढांचे की कमी है।