Deep fake technology: deep fake क्या होता है, कैसे किसी इंसान के चेहरे को बदल दिया जाता है।

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अगर आप सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, टि्वटर, यूट्यूब आदि का इस्तेमाल करते हैं तो अपने यह जरूर देखा होगा की रोते हुए चेहरे को हंसता हुआ दिखा दिया जाता है, वीडियो को एडिट करके दूसरी आवाज लगा दिया जाता है। यह इतना सटीक होता है कि नकली और असली फोटो, वीडियो एवं ऑडियो में अंतर करना काफी मुश्किल हो जाता है यहां तक की पहचान भी नहीं हो पाता कि कौन असली है और कौन नकली। आज के इस ब्लॉग में हम deep fake से जुड़े तथ्यों की चर्चा करेंगे हम जानेंगे कि यह कैसे काम करता है तथा इसका क्या प्रभाव देखने को मिलता है।

Deep fake technology

Deep fake technology एक ऐसा तरीका है जिसमें एक पावरफुल कंप्यूटर या डिप लर्निंग के द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके किसी फोटो, वीडियो एवं ऑडियो को इस तरह परिवर्तित कर दिया जाता है की असली और नकली में पहचान करना मुश्किल हो जाता है।

Deep fake technology का इस्तेमाल

मनोरंजन में

Deep fake technology का इस्तेमाल मनोरंजन में किया जा रहा है। जैसे किसी बोलता हुआ इंसान के वीडियो को एडिट कर उसमें किसी जानवर का ऑडियो लगा दिया जाता है, किसी जानवर के सर की जगह इंसानों का सर लगा दिया जाता है, कुत्तों के झुंड के बीच भौ-भौ को एडिट कर इंसानी वार्तालाप को सेट कर जाता है। इस तरह से इसका उपयोग मनोरंजन के लिए किया जाता है।

Misusages

आजकल deep fake technology का मिस यूज काफी बढ़ गया है। किसी भी सेलिब्रिटी को एडिट कर अजीब तरह का बना दिया जा रहा है, नेताओं के भाषणों को एडिट कर अनर्गल ऑडियो जोड़ दिया जा रहा है, पूरी तरह से उनके भाषण को ही चेंज कर दिया जा रहा है, गलत सूचनाएं फैलाई जा रही है, लोगों के आईडेंटिटी कार्ड को बदल कर दिखा दिया जा रहा है, तरह-तरह के फाइनेंसियल फ्रॉड हो रहा है। जिससे हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया, बड़े-बड़े सेलिब्रिटी की इमेज एवं सामाजिक ताना-बाना पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। इस तरह से deep fake technology का गलत तरीके से व्यापक स्तर पर मिस यूज हो रहा है जिससे समाज में एक नकारात्मक संदेश जा रहा है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप एवं कई भारतीय नेताओं के चेहरे एवं उनके स्पीच के वीडियो को एडिट कर उन्हें manupulate किया गया है।

Deep fake technology पर रोक

कई देशों द्वारा जैसे ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका, कनाडा, कैलिफोर्निया आदि द्वारा deep fake technology के missuage पर बड़े कदम उठाए गए हैं। गूगल, मेटा, ट्विटर आदि को सख्त निर्देश दिए गए हैं की फेक अकाउंट को को पहचान कर जल्द से जल्द डिलीट किया जाए।

भारत में अभी deep fake technology के रोक पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

निष्कर्ष

Deep fake technology का इस्तेमाल कर किसी भी व्यक्ति, राजनेता, सेलिब्रेटी के फोटो एवं वीडियो को एडिट कर manipulate किया जा रहा है एवं गलत सूचनाएं भी प्रसारित की जा रही है। किसी भी सोशल मीडिया पर सत्यापित अकाउंट द्वारा शेयर किए गए फोटो एवं वीडियो ही ज्यादा प्रमाणिक होती है। अतः विवादित फोटो, वीडियो एवं सूचनाओं को बिना सत्यापित किए उस पर विश्वास करने एवं शेयर करने से बचना चाहिए।

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