DNA and US – इस दुनिया में हजारों तरह के लोग हैं कोई काला है, कोई गोरा है, कोई सांवला है, कोई लंबा है, कोई नाटा है, किसी की नाक चपटी है, किसी की आंखें बड़ी-बड़ी है, किसी के भूरे बाल हैं , किसी की लंबी ठुड्डी है इत्यादि। इसके अलावा भी उनके व्यवहार में भी अंतर पाया जाता हैं। कोई शुरू से ही कुशाग्र बुद्धि का है, कोई मंदबुद्धि है, कोई शांत स्वभाव वाला है तो कोई बात-बात पर बिगड़ जाता है।
इन सारी असमानताओं के बीच बहुत से फैक्टर काम करते हैं जो सबको एक दूसरे से अलग बनाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके पीछे सबसे बड़ा कारक क्या है और वह कैसे चुपके से अपना काम कर रहा है आईए जानते हैं।
एक व्यक्ति के शारीरिक बनावट एवं व्यवहार में उसके आसपास के वातावरण एवं समाज का भी प्रभाव होता है लेकिन एक ही समाज और एक ही तरह के वातावरण में रहने वाले दो लोगों के शारीरिक बनावट एवं व्यवहार में भी काफी अंतर पाया जाता है यहां तक की दो भाइयों के बीच भी। इन सबके बीच एक फैक्टर काम करता है जिसका नाम है DNA.
DNA- ब्लूप्रिंट ऑफ़ लाइफ
हमारे शरीर की बनावट जैसे हम कैसे दिखेंगे हमारा नक्शा क्या होगा, हमारा व्यवहार कैसा होगा यह सारी चीजें डीएनए तय करता है इसलिए डीएनए को ब्लूप्रिंट ऑफ़ लाइफ कहते हैं। डीएनए में दो तरह के तत्व होते हैं जो इन सब चीजों के लिए जिम्मेदार होते हैं।
- Phenotype – डीएनए का यह तत्व हमारे लुक्स जैसे नाक-नक्श, कद ,लंबाई-चौड़ाई, रंग-रूप इत्यादि तय करते हैं।
- Genotype- डीएनए का यह तत्व हमारे अंदर के व्यवहार जैसे व्यवहार कुशलता, बुद्धि चंचलता, स्थिरता इत्यादि चीजों को तय करते हैं।
डीएनए का प्रभाव दैनिक जीवन में कहां दिखाई देता है।
आपने देखा होगा कि अच्छा खान-पान रहन-सहन के बावजूद भी लोगों के बाल झड़ने लगते हैं एवं उनकी लंबाई छोटी होती है तो इन सारी चीजों के पीछे डीएनए काम करता है। कई बार क्या होता है की एक ही बीमारी पीढ़ी दर पीढ़ी देखने को मिलती है इनके पीछे फैक्टर के रूप में डीएनए काम करता है।