Gaganyaan Mission: भारत सरकार ने मंगलवार को गगनयान मिशन के तहत अंतरिक्ष में भारत की पहले उड़ान के लिए चयनित चार पायलट के नामों की घोषणा की। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो इसके लिए लगातार प्रयास कर रही है।
भारतीय वायु सेवा से चुने गए इन चार अधिकारियों के नाम है ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन आनंद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला।
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो इस मिशन की तैयारी के लिए लगातार परीक्षण और तैयारी में जुटी हुई है। इस मिशन के तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजा जाएगा जिसके 3 दिन बाद उन्हें वापस आना होगा।
अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के मुताबिक 2024 में एक टेस्ट फ्लाइट रोबोट को अंतरिक्ष में ले जाएगी इसके बाद 2025 में अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाया जाएगा।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी इसरो के headquarter में मौजूद थे और उन्होंने कहा कि यह सिर्फ चार लोग नहीं 140 करोड़ आकांक्षाओं को अंतरिक्ष में ले जाने वाली शक्तियां हैं।
बताया गया है कि इन अधिकारियों को मुश्किल शारीरिक और मानसिक परीक्षणों से गुजरे एयर फोर्स पायलटो के एक बड़े समूह से चुना गया है। चुने गए चारों अधिकारियों ने रूस में रहकर 13 महीना तक कठिन ट्रेनिंग और काफी मेहनत की है और भारत में अभी भी इस ट्रेनिंग को लगातार जारी रख रहे हैं।
इसरो ने मंगलवार को व्योममित्र की भी एक झलक दिखाई। व्योममित्र एक संस्कृत शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ अंतरिक्ष का दोस्त है यह एक रोबोट है जो इस साल यानि 2024 में अंतरिक्ष में भेजा जाना है उसके बाद 2025 में मानव को भेजने का लक्ष्य है। गगनयान मिशन अंतरिक्ष में भारत की पहली मानव उड़ान है जिसके लिए इसरो काफी तैयारी कर रहा है।
इस परियोजना पर होने वाला कुल खर्च 90 अरब रुपए है। अगर भारत अपनी इस परियोजना में सफल होता है तो अंतरिक्ष में इंसान पहुंचने वाला विश्व का चौथा देश भारत बन जाएगा।
इसके पहले सोवियत संघ रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन ने अंतरिक्ष में इंसान पहुंचाने में सफलता हासिल की है।