Online Gaming GST: अब ऑनलाइन गेमिंग पर लगेगा 28% GST: क्या होगा प्रभाव?

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हम जानेंगे online gaming GST के बारे में जो वित्तमंत्री ने हाल ही में GST लागू किया है तथा इस पर क्या प्रभाव होगा।

हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कि अध्यक्षता में GST परिषद की पचासवीं बैठक का आयोजन किया गया और इस बैठक के दौरान मुख्य तौर पर भारत के ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को लेकर बहुत सारी विशेष निर्णय लिया गया और इन निर्णयो का इंडस्ट्रीज में विरोध भी हुआ।

क्या है GST परिषद का हालिया निर्णय?

हमने पहले ही बात की है कि हाल ही में भारत के वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा GST परिषद की 50वीं बैठक हुई है और इस बैठक में GST परिषद ने तय किया है कि अब भारत में जो ऑनलाइन गेमिंग उद्योग है जो ऑनलाइन गेम खेलें जाते हैं उन पर लगे जो दांव है जो amount लगाया जाता है उसके पूरे अंकित मूल्य पर 28% की GST tax लगाया जाएगा।

उदाहरण स्वरुप:- मान लीजिए कि आप कोई online game खेलते हैं और उस ऑनलाइन गेम में हिस्सा लेने के लिए आप उसे कंपनी में प्रवेश शुल्क के तौर पर ₹100 जमा करते हैं। लेकिन जो कंपनी है वह अपना प्लेटफार्म संचालित करने के लिए आप के अमाउंट में से कुछ हिस्सा काट लेती है जो कि कंपनी को अपना ऑपरेशन चलाने के लिए पैसों की जरूरत पड़ता है इसलिए कंपनी processing fee तौर पर आपका अमाउंट में से कुछ पैसे काट लेती है और जो तकनीकी रूप से amount काटा जाता है उसे हम सकल गेमिंग राजस्व (GGR) कहते हैं यानी कि आपके जमा की गई राशि में से कंपनी अपने ऑपरेशन के तौर पर ₹20 काट लेती है अब जो शेष अमाउंट है वह है ₹80 ये जो ₹80 का अमाउंट है वह है प्राइज पुल का हिस्सा प्राइज पूल का हिस्सा होने का मतलब है कि आप इस अमाउंट के माध्यम से आप ऑनलाइन गेम खेल सकते हैं और यही price money कहलाता है और यही प्राइस मनी तय करता है।

जबकि हालिया निर्णय के पहले यह हुआ करता था की जो सरकार थी और जो जीएसटी काउंसिल था वह GGR यानी की gross gaming revenue पर 18% की GST tax लगाता था यानी की कंपनी को 100₹ दिया गया अमाउंट में से GGR के तौर पर ₹20 काट लिया जाता था और इस कंपनी को ₹20 का 18% यानी कि 3.6 रुपए सरकार को कर के तौर पर देना पड़ता था लेकिन अब नया डिसीजन यह है कि पहले जो अमाउंट काटा जाता था वो GGR पर लागू होता था लेकिन अब जो टैक्स लगेगा वो total amount पर लगेगा यानी कि पहले जो टैक्स लगता था वह ₹20 पर लगता था लेकिन अब ₹100 पर लगेगा। और दूसरा बदलाव यह है कि पहले जो टैक्स लगाया जाता था वो मात्र 18% होता था लेकिन अब नया जो टैक्स लगेगा वह 18% से बढ़कर 28% हो गया है तो इस तरह से कंपनी को और 28₹ कर का भुगतान करना पड़ेगा।

परिणाम:

सबसे पहले परिणाम यह होगा कि कंपनी के पास प्लेटफार्म फीस के रूप में जो राजस्व जाता था वो राजस्व अब बहुत ज्यादा कम होने वाले हैं और इसकी वजह से जो कंपनी का फायदा होता था जो आनलाइन गेमिंग का profit होता था वह अब आगे आने वाले समय में बहुत ज्यादा कम होने वाला हैं।

इसके अलावा जो दुसरा प्रभाव यह है कि प्राइज पूल की राशि में कमी जिसके वजह से उपयोगकर्ता गेम खेलने में discourage होंगे क्योंकि अब जो प्राइज पूल की राशि है वो कम है तो कोई गेम खेलने क्यों आयेगा। इसके अलावा जो तीसरा प्रभाव है यह है कि जो उपयोगकर्ता हैं उस पर बहुत ज्यादा प्रभाव हो सकता है क्योंकि इस 28% GST के अलावा उपयोगकर्ता की जीती हुई राशि पर सरकार 30% की अत्यधिक कर लगाती है।

वर्तमान समय में भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की स्थिति क्या है?

साल 2022 में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग का जो राजस्व था वो तकरीबन 1.5 billion-dollar के आसपास था और ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि यह राजस्व साल 2025 तक billion-dollar तक पहुंच सकता है इसलिए हम कह सकते हैं कि वर्तमान समय में भारत में जो आनलाइन गेमिंग उद्योग है वो बहुत बड़े स्तर पर पहुंच गया है और भविष्य में इसका जो विकास है और भी बड़े लेवल पर होने वाला है।

इसके अलावा दूसरे आंकड़ों की बात करें तो भारत का जो ऑनलाइन गेमिंग उद्योग था साल 2017-2020 में उसका जो CAGR था वो तकरीबन 38% के आसपास था यानी कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग इस पुरी अवधि के दौरान 38% के गति से बढ़ रहा था और अगर हम भारत के इन आंकड़ों की तुलना दुसरे देशों से करें तो चीन में मात्र 8% था और अमेरिका में 10% था जबकि दूसरे देशों की आंकड़ों के हिसाब से भारत बहुत बेहतर प्रदर्शन कर रहा था आनलाइन गेमिंग उद्योग के बारे में।

उपयोगकर्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी:

2017 में उपयोगकर्ताओं की संख्या 80 मिलियन से 95 मिलियन के आसपास थी और भारत ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के मामले में दुनिया में सबसे प्रमुख देश है।

समस्या:

ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के निर्णय को लेकर जो तमाम इंडस्ट्रीज और विशेषज्ञ हैं वे सरकार के इस निर्णय को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय बताया है और उन लोगों का कहना है कि सरकार कि इस निर्णय के वजह से भारत का जो ऑनलाइन उद्योग है वह पूरी तरह तबाह हो सकता है इसके अलावा इंडस्ट्रीज का कहना है कि पूरे निर्णय के वजह से भारत में जो ऑनलाइन गेमिंग उद्योग है, जो कंपनियां हैं, जो इंडस्ट्रीज है उन कंपनियों पर  TAX का बोझ बहुत ज्यादा बढ़ने वाला है और जब कर का बोझ बढ़ जाएगा तो इसकी वजह से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग है वो अपरिहार्य हो जायेगा और इसका दूसरा पहलु यह होगा यदि भारत में ऑनलाइन गेम उद्योग पर इतना ज्यादा टैक्स लगता है तो इसकी वजह से जो ब्लैक मार्केट संचालक है उसकी संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है जहां जीएसटी नहीं लगता है और इसकी वजह से सरकार को मुश्किल झेलना पड़ेगा।

इसके अलावा इसका एक और प्रभावी होगा कि इस निर्णय के वजह से ऑनलाइन गेमिंग में जो एफडीआई आता है उसमें भी कमी देखने को मिल सकती है इसलिए हम कह सकते हैं कि जो विदेशी निवेशक है सरकार के निर्णयो पर नजर रख सकते हैं।

अब यहां पर भारतीय उद्योग में पैसा कमाना बहुत ज्यादा मुश्किल हो गया है तो तो भारत में निवेश ना करके दूसरे जगहों में निवेश करेंगे और भारतीय निवेशकों का भी यही हाल होगा और भारतीय निवेशक भी ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में निवेश करने से पहले बहुत ज्यादा सोचने वाले हैं अगर सरकार इस तरह का कोई निर्णय लेकर आती है तो इस उद्योग में निवेश जो है वह एक बेहतर विकल्प नहीं रह जाएगा जिसकी वजह से भारत में रोजगार पर प्रभाव देखने को मिल सकता है क्योंकि इंडस्ट्रीज में प्रॉफिट नहीं होगा तो पैसे नहीं मिलेंगे कामगारों को कंपनी से निकाल दिया जाएगा।

खेल:

दरअसल सरकार का कहना है कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के निर्णय का प्राथमिक उद्देश्य यह है कि भारत की जो युवा है उन्हें ऑनलाइन गेमिंग से दूर रखा जा सके क्योंकि कई रिपोर्ट का अध्ययन यह बताते हैं की ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के वजह से भारत में युवाओं की मानसिक स्तर पर बहुत ज्यादा नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है और इन्हीं तमाम चीजों से बचने के लिए भारत सरकार ने युवाओं के लिए इस तरह का एक निर्णय लिया है ताकि उन्हें ऑनलाइन गेमिंग से दूर रखा जा सके।

कौशल बनाम संयोंग पर चर्चा क्यों?

हालांकि इस खेल को 2 तरीकों से divide किया जा सकता है पहले नंबर पर आता है कौशल के खेल और संयोंग के खेल।

कौशल के खेले वे खेल हो सकते हैं जिसके आधार पर आप पता लगा सकते हैं कि कौन जीतने वाला है यानी कि आप अपने कौशल के आधार पर अपने परिणाम को बदल सकते हैं इसके अलावा संयोंग के खेल में मुख्य तौर पर आपके भाग्य पर इफेक्ट करता है जैसे की लॉटरी, जुआ इत्यादि।

भारत में जो ऑनलाइन गेम है उन्हें कौशल का खेल माना जाए लेकिन दूसरा कारण यह है कि अगर सरकार इस कौशल के खेल पर 28% के कर पहले से ही लगाई थी और संयोंग के खेल पर भी बहुत ज्यादा कर लगाया जा रहा था तो ऐसे में इंडस्ट्रीज सरकार को राजी कर लेती की इससे कि मुश्किल माना जाए तो इस पर कम कर लगता और जबकि सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह का कोई definition मौजूद नहीं है और यह दोनों तरह का खेल है उन पर एक ही तरह की जीएसटी टैक्स लागू की जाएगी जो है 28 प्रतिशत। तो इस तरह से सरकार ने इस पुरे बहस पर लगाव लगा दी है।

Disclaimer: हम किसी भी ऑनलाइन गेमिंग को बढ़ावा नहीं देते है। इस पोस्ट का मकसद सिर्फ online gaming GST के बारे में जानकारी देना है।

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