Laptop import ban: हाल ही में भारत सरकार द्वारा एक सुचना (notification) जारी किया गया था। कि भारत में आने वाले कुछ electronic पर प्रतिबंध लगा दिया गया था यानी कि अब आप इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को विदेशों से आयात नहीं कर सकते हैं।
इसके बाद जो industries के सभी लोग थे वह सरकार के इस निर्णय का विरोध करने लगे थे व्यापक स्तर पर विरोध होने लगा इसलिए सरकार ने यह सब देखते हुए कुछ दिनों के लिए इस निर्णय को टाल दिया है।
क्या है सरकार का नया निर्णय?
हाल ही में भारत सरकार की ओर से विदेश व्यापार निदेशालय द्वारा एक निर्देश जारी किया गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय मुख्य तौर पर एक व्यापार एवं वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करता है।
और इस पूरे विभाग का प्राथमिक कार्य यह है कि भारत में जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का विदेशो के माध्यम से आयात और निर्यात होता है उस आयात और निर्यात को लेकर नियम बनाया जाए।
तो यह वाला भारत सरकार के तहत जो विभाग है विदेश व्यापार महानिदेशालय इस पूरे विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को लेकर एक notification जारी किया है इस notification में कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आयात पर यानी विदेशों से भारत में लाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है इसमें मुख्य तौर पर जो कंप्यूटर शामिल है वो है कम्प्यूटर, लैपटॉप, और इसमें automatic तरीके से चलने वाली डेटा प्रोसेसिंग मशीन भी शामिल हैं और इसमें माइक्रोप्रोसेसर शामिल किए गए है और इसके अलावा इसमें माइक्रो फ्रेम कंप्यूटर भी सामिल किए गए हैं।
किन-किन उपकरणों को आप विदेश से नहीं मंगवा सकतें
कुछ उपकरणों को विदेश से मंगवा कर भारत में बेचना बहुत ज्यादा मुश्किल हो गया है। लेकिन यहां पर सरकार ने कुछ अपवाद भी सामिल किया है तो इसमें पहला अपवाद ये है कि यदि आप विदेश से एक लैपटॉप लेके आते हैं या एक टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर, माइक्रो प्रोसेसर लेके आते हैं जोकि quantity में केवल एक है तो यहां पर हम प्रत्येक स्तर पर देख सकते हैं की सरकार ने जो ई-कॉमर्स वेबसाइट है उस वेबसाइट के जरिए हम जो ट्रेड करते हैं वह ट्रेड इंटर कंट्री से हो सकता है विदेशो से भी हो सकता है। तो इस ट्रेड को यहां पर exception दिया गया है हालांकि सरकार ने इस notification को स्पष्ट किया है कि ये वाला जो ट्रेड है इस ट्रेड पर शुल्क लगाया जाएगा और यह वाला जो ट्रेड है ,जो लैपटॉप है ,कंप्यूटर है, विदेश से तभी आएंगे जब सरकार शुल्क लेगी ।
इसके अलावा सरकार की दूसरे अपवाद की बात करें तो दूसरा exception यह है कि यदि आपको आयात करना है तो इसके लिए अनिवार्य है कि अपको सरकार से वैध लाइसेंस लेना पड़ेगा अगर आप के पास वैध लाइसेंस नहीं है तो आप विदेश से विदेशी उपकरण को import नहीं कर सकते हैं।
इसके अलावा तीसरा अपवाद मुख्य तौर पर Research and development से जुड़ा हुआ है यानी सरकार का कहना है कि यदि आप विदेश से किसी रिसर्च अनुसंधान एवं विकास के उद्देश्य से परीक्षण के मामले में या benchmarking स्थापित करने के मामले में या फिर मूल्यांकन को लेकर कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस आयात करते हैं तो आप पर इस नोटिफिकेशन के माध्यम से एक exception मिलेगा हालांकि exception है कि जो एक batch में 20 उपकरण को लेकर है यानी कि आप एक बार में एक consignment के जरिए 20 उपकरण ही मंगा सकते हैं research and development के लिए, हालांकि सरकार ने अपनी नोटिफिकेशन के जरिए यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यह जो research and development के लिए devices लाए जाएंगे उनका उपयोग research and development के लिए ही किया जाएगा यानी किसी पर्सनल काम के लिए उनका उपयोग नहीं किया जाएगा।
और इसके बाद जब research and development का काम हो जाएगा यानी उद्देश्य पूरा होने के बाद उसे किसी दूसरे देश में वापस निर्यात कर दिया जाएगा।
इसके अलावा और भी अपवाद है जो मरम्मत को लेकर है मान लीजिए आप सरकार से लाइसेंस लेके कोई उपकरण लेकर आते हैं और भारत में आने के बाद उसमें कोई खराबी आ जाती है तो आप उसे ठीक कराने के लिए जो कि विदेश से आया हुआ है तो उसे ठीक करने कि जिम्मेदारी उसी कंपनी की है ऐसे में उस डिवाइस को ठीक करने के लिए वहां वापस भेजना पड़ेगा और वहां से फिर वापस आएगा। ऐसे में इस पूरे मरम्मत के उद्देश्य से आप उस डिवाइस को लेकर बिना लाइसेंस के आ जा सकते हैं।
क्यों लगाए गए हैं प्रतिबंध?
आखिर सरकार ने लैपटॉप, कंप्यूटर आदि उपकरण पर प्रतिबंध क्यों लगाया?
राष्ट्रीय सुरक्षा
दरअसल सरकार का कहना है कि विदेशो से आने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में कई बार expired elements मौजूद रहते हैं कई बार उनका उपयोग हमारे देश में निगरानी करने के लिए तथा जासूसी करने के लिए किया जाता है तो ऐसे में सरकार सुनिश्चित करना चाहती है कि उपकरणों के माध्यम से भारत में निगरानी की जो प्रोसेस है वह नहीं किया जा सके।
घरेलू उत्पाद को बढ़ावा देना
दुसरा कारण यह है कि सरकार द्वारा जो आईटी हार्डवेयर सेक्टर को लेकर उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन यानी कि (PLI) की जो शुरुआत की गई थी यह जो प्रोडक्ट है वर्तमान समय में या बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रही है यानी कि बहुत से ऐसे लोग हैं जो विदेशो से समान मंगवा लेते हैं इसलिए इस प्रोडक्ट की जो प्रोत्साहन है वह भारत में बहुत कम हो गई है जिसके वजह से भारत में बहुत ज्यादा प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है तो ऐसे में सरकार चाहती है कि इस पूरे नोटिफिकेशन के माध्यम से कंपनियों को भारत में घरेलू स्तर पर उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि वे इस योजना का लाभ भी उठा सकेंगी और साथ ही इसके माध्यम से जो भारत में घरेलू उत्पादन होता है उस उत्पादन की क्षमता में वृद्धि होगी और लोगों को रोजगार मिलेगा भारत की जो अर्थव्यवस्था है उसमें बढ़ोतरी होगी।
इसके अलावा इस योजना कि बात करें तो मुख्य तौर पर भारत सरकार ने इस योजना के तहत साल 2021 में शुरू किया था और साल 2022 में मई में decide किया गया था उसका वजट 17000 करोड़ रूपए।
इसके अलावा कई जानकारों का यह भी कहना है कि सरकार के पूरे नोटिफिकेशन का एक लक्ष्य यह भी है कि चीन से हमारे देश में जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का आयात होता है उस आयात पर भी कुछ हद तक रोक लगाई जा सकती है।
पिछले कुछ सालों में भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामान लैपटॉप, कंप्यूटर हो गया इस तरह के उपकरण पर आयात बढ़ता जा रहा है ।
तथा 2023 के आंकड़े के माध्यम से अप्रैल से जून के महीना में 6.96 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का आयात किया।
जबकि इन्हीं आंकड़ों की तुलना 2022 से करें तो 2022- 4.73 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का आयात हुआ था। और इन सब में चीन भी बहुत ज्यादा हिस्सेदारी है।
सरकार के इस निर्णय का निहितार्थ?
इलेक्ट्रॉनिक आयात को लेकर नीति की जो शुरुआत हुई थी 1981 में प्रोफेसर बी.राजारमन की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी इस समिति ने भारत में मुख्य तौर पर कंप्यूटर के आयात पर रियायतें देने की सिफारिश की थी क्योंकि इससे पहले कि सरकार की नीति यह थी कि सरकार मुख्य तौर पर आयात पर प्रतिबंध लगा दी।
भारत में मुख्य तौर पर एक कंपनी होती थी जिसका नाम था इलेक्ट्रॉनिक निगम लिमिटेड ये भारत में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का निर्माण करती थी तो ऐसे में सरकार चाहती थी कि इस कंपनी को बढ़ावा मिले जो कि विदेश से समान न आ सके।
लेकिन इस समिति का सिफारिश आया और थोड़ी बहुत छुट देने की कोशिश किया गया। जिसके वजह से भारत में आयात पर प्रभाव पड़ने लगा जिसके वजह से जो railway passenger reservation system को रखा जाने लगा जिसके वजह से यात्रियों को लाभ मिलने लगा।
इसके अलावा जो भारत का finance sector था इसको भी इन कंप्यूटर के आने से एक नया स्वरूप मिला और इस तरह से भारत में एक सुचना प्रोद्योगिकी क्रांति की शुरुआत होती है।