UP 12th परीक्षा का भी पेपर लीक – क्या है मामला जानिए विस्तार में

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एक सरकार में कितने मंत्रालय होते है, कितने मंत्री काम करते हैं गिनना सभी के लिए बहुत मुश्किल होता है। जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए कभी-कभी नए मंत्रालय का गठन भी सरकार के द्वारा किया जाता है। अगर पैमाना सरकार का यही है तो सरकार को बहुत जल्द एक और मंत्रालय का गठन करना चाहिए जिसका नाम होगा पेपर लीक मंत्रालय।

एक और पेपर लीक का मामला सामने आया हैं इस पर हम बात करने वाले हैं हाल ही में उत्तर प्रदेश के 12वीं के परीक्षा का पेपर लीक का मामला सामने आया है।

यूपी में 2 फरवरी को 12वीं के बायो और मैथ का पेपर था दोपहर 2:00 से पेपर शुरू होना था लेकिन इल्जाम है कि इसके 1 घंटा पहले आगरा में अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप में पेपर घूमने लगा बायो के पेपर का कोड 368GL और सीरियल नंबर 152 था।

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आरोप है कि पेपर के सभी पन्नों को ग्रुप में डाला गया इसके अलावा गणित के पेपर का कोड 324FC था यह पेपर भी ग्रुप में आ गया। सबसे ताजुब की बात है ग्रुप में आगरा के तमाम टीचर माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रधानाचार्य और शिक्षक समेत करीब 900 लोग व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े हुए थे इसी ग्रुप में लीक पेपर आया जैसे ही पेपर एक व्यक्ति ने देखा तो उसने लिखा यह क्या हो रहा है पेपर लीक हो गया क्या?

पेपर भेजने वाले ने ग्रुप से तुरंत पेपर को डिलीट कर दिया और ग्रुप छोड़ दिया लेकिन तब तक वह पेपर मैथ्स और बायो के बताए जा रहे थे तमाम ग्रुप पर घूमने लगे पेपर लीक की खबर सुनकर अफसर के हाथ पैर फूलने लगे।

सूचना माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश को दी गई और ग्रुप पर पेपर भेजने का आरोप विनय नमक व्यक्ति के नाम पर लग गया इसके अलावा केंद्र व्यवस्थापक विनय चौधरी उनके बेटे और अन्य के खिलाफ दे दी गई है।

शिक्षा विभाग ने जीव विज्ञान और गणित के पेपर लीक मामले में जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी गठित कर दी है।

इल्जाम है कि आगरा के ही अतर सिंह इंटर कॉलेज से पेपर लीक हुआ और तहरीर में विनय चौधरी का नाम है वह इसी कॉलेज में कंप्यूटर विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है।

इस मामले में एग्जाम कंट्रोलर मुकेश अग्रवाल का कहना है की सोशल मीडिया पर कुछ पेपर के तस्वीर वायरल हुई मामले की जांच की जा रही है यूपी बोर्ड को इससे अवगत करा दिया जाएगा प्राथमिक तौर पर कई केंद्र में इस पेपर को दिखाया गया है लेकिन इस सीरीज के पेपर वहां नहीं मिला है मामले की जांच अभी जारी है। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है सभी आरोपों की जांच चल रही है।

आपको बता दे की उत्तर प्रदेश में यूपी पुलिस का भी पेपर लीक हो गया था सरकार इस आरोपों से बचती रही लेकिन बाद में जब सबूत सामने आए तो पेपर लीक की बात बाद में स्वीकार की गई और फिर से परीक्षा लेने की बात 6 महीना का भीतर सरकार के द्वारा की गई है।

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