PM Pranam Yojana: भारत में रसायनिक उर्वरकों पर निर्भरता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। रसायनिक उर्वरकों के उपयोग से कृषि उत्पादन में वृद्धि तो हुआ है पर इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिला है।
एक ओर रासायनिक उर्वरकों से तैयार होने वाली फसलों के सेवन से हमारा स्वास्थ्य स्तर गिर रहा है वही इन उर्वरकों को कम दामों में किसानों को उपलब्ध करवाने हेतु सरकार को एक बड़ी राशि उर्वरक सब्सिडी पर खर्च करनी पड़ रही है, जिससे सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ रहा है। सरकार रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभाव एवं बड़ी मात्रा में सब्सिडी पर हो रहे खर्च को देखते हुए उर्वरकों के विकल्प की तलाश कर रही है।
इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा वित्त बजट 2023-24 में पीएम प्रणाम PM Pranam Yojana (PRIME MINISTER PROMOTION OF ALTERNATE NUTRIENTS FOR AGRICULTURAL MANAGEMENT) योजना की घोषणा की गई। केंद्र सरकार द्वारा वैकल्पिक उर्वरकों की तलाश एवं उनके उत्पादन के लिए राज्यों से भी सुझाव मांगा जाएगा।
PM Pranam Yojana 2023
केंद्र सरकार का मानना है की केमिकल रसायनों का इस्तेमाल मनुष्य के हेल्थ पर negative असर डालता है इसलिए सरकार ने इसका वैकल्पिक उपायों के बारे में सोचना चालू कर दिया है जिससे की chemical रसायनों के उपयोग में कमी आ सके। इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को प्रोत्साहित करेगी।
इस योजना के लिए कोई अलग से बजट नहीं रखा गया है इस योजना को उर्वरक विभाग वित्तपोषित करेगी जो की पहले से संचालित योजनाओ के तहत “मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत” का हिस्सा होगा।
PM Pranam Yojana 2023 की शुरुआत
कृषि में रासायनिक उर्वरकों के बढ़ते प्रयोग को कम करने एवं खाद्य सब्सिडी को कम करने हेतु सरकार द्वारा जल्द ही इस योजना की शुरुआत की जा सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार द्वारा PM Pranam Yojana के लिए कोई अलग से बजट का प्रावधान नहीं किया जाएगा बल्कि उर्वरक पर दिए जाने वाली सब्सिडी को बचत कर 50% राशि राज्यों को अनुदान दिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा इस राशि का 70% उपयोग गांव ब्लॉक या जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरक के निर्माण में खर्च किया जाएगा एवं 30% राशि किसानों, किसान संगठनों, स्वयं सहायता समूह को पुरस्कार के तौर पर दिया जाएगा जो रसायनिक उर्वरकों की जगह वैकल्पिक उर्वरक का उपयोग करेंगे या फिर रसायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम करेंगे।
PM Pranam Yojana का मुख्य उद्देश्य
PM Pranam Yojana की शुरुआत करने का सरकार का प्रमुख उद्देश्य किसानों के द्वारा रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने एवं वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना तथा रासायनिक उर्वरक सब्सिडी को कम कर वैकल्पिक उर्वरक में निवेश करना है।
गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष उर्वरक सब्सिडी पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय के अनुसार यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 1.62 लाख करोड़ रूपया था जो इस वर्ष 39% की बढ़ोतरी के साथ 2.25 लाख करोड़ रहने का अनुमान है।