क्या है CBSE की तरफ से हैप्पी क्लासरूम की पहल, जो बच्चों को तनाव से दूर रखने में मदद करेगी

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CBSE happy classroom: सीबीएसई द्वारा स्कूलों में हैप्पी क्लासरूम शुरू करने की घोषणा की गई है ताकि स्कूल परिसर और कक्षा का माहौल स्वस्थ रहे एवं बच्चों को तनाव से दूर रखा जा सके। हैप्पी क्लासरूम शुरू करने के लिए पहले शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जायेगा एवं शिक्षक हैप्पी क्लासरूम संचालन करने में अपनी भूमिका निभाएंगे।

गौरतलब है कि कोरोना का काल में बच्चों की क्लास रूम की पढ़ाई छूट गई थी और जब वह बच्चे दोबारा स्कूल आने लगे तो उन्हें कक्षा में बैठकर पढ़ने में परेशानी हो रही थी। लगातार कक्षा में बैठने से 20 से 25 पर्सेंट बच्चे तनाव में रहते हैं। वही क्लास का माहौल भी खुशनुमा नहीं होने के कारण बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। शिक्षक भी इन बातों को समझ नहीं पाए और उन्होंने बच्चों के मानसिक तनाव की वजहो पर उनसे बात नहीं की। सीबीएसई द्वारा इन सब बातों को संज्ञान में लेते हुए हैप्पी क्लासरूम शुरू करने को लेकर स्कूलों को दिशा निर्देश जारी किया है।

सीबीएसई की ओर से संचालित सभी नौवीं से 12वीं तक के स्कूलों के शिक्षकों की सूची मांगी गई है जिसमें प्रत्येक शिक्षक को 50 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा एवं इसके तहत 22 विभिन्न विषयों पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शिक्षक उसे क्लासरूम में लागू करेंगे और क्लासरूम को खुशनुमा माहौल बनाने की कोशिश करेंगे।

क्या है हैप्पी क्लासरूम

कोरोनावायरस से जब पूरी दुनिया लॉकडाउन में चली गई थी ऐसे में स्कूली शिक्षा काफी प्रभावित हुई। स्कूल जाने वाले बच्चे करीब करीब 2 साल तक स्कूल नहीं गए । बाद में जब बच्चे स्कूल जाना शुरू किए तो उनमें स्कूल संबंधित गतिविधियां एवं पढ़ाई में कम रुचि देखी गई। एक शोध के मुताबिक 20 से 25 प्रतिशत बच्चों में तनाव देखा गया। इन्हीं सब बातों को संज्ञान में लेते हुए सीबीएसई ने हैप्पी क्लासरूम शुरुआत करने की पहल की है।

हैप्पी क्लासरूम के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। शुरू होने वाले नए सत्र में बोर्ड द्वारा हैप्पी क्लासरूम के तहत संचालित किया जाएगा। जिसमें स्कूल के माहौल में बदलाव किया जाएगा एवं क्लास रूम में एकेडमी पढ़ाई के साथ-साथ अब उन विषयों पर भी शिक्षक बच्चों से खुलकर बात करेंगे जिनके कारण बच्चे तनाव में रहते हैं। सामूहिक तौर पर बच्चों के साथ साइबर सुरक्षा, कैरियर, किशोरावस्था, मानसिक विकास, स्कूल का माहौल, आदि विषयों पर खुलकर चर्चा किया जाएगा और छात्रों को स्कूली माहौल में तनाव मुक्त बनाया जाएगा।

इन विषयों पर शिक्षकों को किया जाएगा प्रशिक्षित।

  • किशोर शिक्षा कार्यक्रम (adolescent education program)
  • कला एकीकरण (art integration)
  • कैरियर गाइडेंस
  • क्लासरूम मैनेजमेंट
  • आलोचनात्मक और रचनात्मक सोच (Critical and creative thinking)
  • साइबर सेफ्टी और सिक्योरिटी
  • एनवायरमेंटल स्टडीज
  • नैतिकता और अखंडता (Ethics and integrity)
  • प्रायोगिक ज्ञान
  • स्कूल में लिंग संवेदनशीलता (Gender sensitivity)
  • हैप्पी क्लासरूम
  • समावेशी शिक्षा(Inclusive education)
  • अग्रणी परिवर्तन (Leading transformation)
  • सीखने का परिणाम और शिक्षण
  • लाइफ स्किल
  • नई शिक्षा नीति
  • स्कूल पुस्तकालय
  • स्ट्रेस मैनेजमेंट
  • नैतिक शिक्षा
  • स्कूल हेल्थ एंड वैलनेस आदि

हैप्पी क्लासरूम संचालन की रूपरेखा

  • हर विषय पर शिक्षकों द्वारा एक शेड्यूल बनाया जाएगा।
  • कक्षा में विद्यार्थियों के बीच परस्पर सहयोग की भावना हो इसके लिए उनके बीच गतिविधि कराया जाएगा।
  • साइबर सुरक्षा, समावेशी शिक्षा, लिंगभेद आदि को दूर करने के लिए उनके साथ खुलकर चर्चा की जाएगी।
  • बच्चों के जन्मदिन को महापुरुषों के जन्मदिन से जुड़ कर उस पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे एवं महापुरुषों के बारे में बताया जाएगा।
  • मोरल वैल्यू, प्रायोगिक ज्ञान के साथ सभी स्कूल के पुस्तकालय से बच्चों को जोड़ा जाएगा।

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