Millet: दोस्तों हम जानते है की हमारे देश में और पुरे विश्व में गरीबी और भुखमरी से सम्बंधित विषय बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है और बहुत ज्यादा चर्चा में बने रहते है।
इसके अलावा पोषण सम्बंधित जो मुद्दे है महिलाओ में किशोरों में इस तरह की दिक्कतें देखने को मिलती है, इस समस्या से निपटने के लिए भारत ने कुछ कदम उठायें जाने का प्रयास किया है, कदम के रूप में भारत ने millet को खाद्य पदार्थ के रूप में या लोगो के प्रमुख भोजन के रूप में शामिल करने की बात कही है। इससे जुड़ा हुआ एक international level पर वर्ष घोषित करने की भी बात की गई है।
आइये समझते millet in hindi है क्या है millet का प्रचलन और क्यों है इतना खास, जानेंगे सब कुछ इसके बारे में इस ब्लॉग में, बने रहिये अंत तक हमारे साथ।
Millet की चर्चा क्यों हो रही है?
भारत सरकार द्वारा international millet year 2023 का Pre-Lunch समारोह आयोजित किया गया है। यह आयोजन कृषि और विदेश मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है। दुनिया की खादय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। Covid-19, संघर्ष और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने में यह मदद कर सकता है।
What is Millet in hindi – मिलेट क्या है
Millet को शुरुआती फसलों में से एक माना जाता है, इसका प्रमाण हमें सिंधु घाटी सभ्यता के काल से ही मिलता है। यह लगभग 3000 ईसा पूर्व की बात है। इसमें से कई किस्मो की खेती सबसे पहले भारत में की गई थी यह भी पता चलता है। इसके अलावा चीन, पश्चिम अफ्रीका और जापान में कई अन्य तरह की किस्मो का विकास किया गया था। इस समय 130 देशो में millet की खेती की जा रही है। और अगर एशिया और अफ्रीका के लोगो को मिला ले तो लगभग 50 करोड़ लोगो का भोजन बन चूका है।
Millet में निम्नलिखित फसल शामिल है:
- जवार (sorghum), बाजरा (Pearl Millet)
- कंगनी/ इतालवी बाजरा (Foxtail Millet)
- कुटकी (little Millet )
- रागी / मंडुआ (kodo Millet , finger Millet )
- चीना / आम बाजरा (proso Millet )
- सवा / सनवा / झंगोरा (barnyard millet)
- कोरले (Brown top Millet )
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Millet की विशेषताएँ
इसको उगाने के लिए चावल और गेहू की तुलना में कम पानी की जरुरत होती है।
दुनिया भर में ज्वार की सबसे ज्यादा फसल उगाई जाती है।
इसके प्रमुख उत्पादक USA, China, India, Australia, Argentina, Nigeria और Sudan है।
इसी तरह बाजरा भी एक दूसरी प्रमुख फसल है।
बाजरा, भारत और कुछ अफ़्रीकी देशो में उगाई जाती है।
कृषि मंत्रालय के कुछ आकड़े 2018-19 के दौरान बताते है की कौन कौन सी millet भारत में उगाई जाती है।
बाजरा (3.67 % )
जवार (2.13 %)
रागी (0.48%)
देश के सकल फसल क्षेत्र का लगभग 7% millet फसल भारत में उगाया जाता है।
Millet से कितना पोषण मिलता है?
Millet को पोषण का powerhouse माना जाता है।
10 अप्रैल 2018 को कृषि मंत्रालय ने इसे पोषक आनाज घोषित किया था।
ICAR – भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान की रिपोर्ट बताती है
मिलेट में 7 – 12 % प्रोटीन
2 – 5 % बसा
65 – 75 % कार्बोहाइड्रेट्स
15-20% आहार फाइबर पाया जाता है।
Millet Year
3 मार्च 2021 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2023 से international millet year मनाने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव भारत द्वारा पेश किया गया था। इस प्रस्ताव को 72 देशो द्वारा समर्थन भी मिला।
मुख्य उद्देश्य
मिलेट के बारे में जागरूकता फैलाना।
इसके उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार लाना।
इसमें निवेश के लिए क्षेत्रीय गतिबिधियाँ बढ़ाना।
इससे जुड़े सिक्के और टिकट जारी करना।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) 2013
इसके तहत पात्र परिवारों को
चावल 3 रूपया प्रति किलो
गेहू 2 रूपया प्रति किलो
मोटा आनाज 1 रूपया प्रति किलो
2013 के अधिनियम में मिलेट का कोई उल्लेख नहीं है।
NFSA की धारा 2(5) के तहत मोटा आनाज खाद्यान की परिभाषा में शामिल।
हालाँकि मिलेट को PDS में शामिल करने की सिफारिश को स्वीकार कर लिया गया है।
खरीफ मार्केटिंग 2022-2023 के दौरान 13.72 लाख मीट्रिक टन मोटे आनाज की खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
Millet पर मिलने वाली MSP
सरकार केवल ज्वार, बाजरा और रागी के लिए MSP की घोषणा की है।
खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022 देश के लिए
ज्वार हाइब्रिड MSP 2970 रूपया प्रति क्विंटल
ज्वार मालदंडी 2990 रुपये प्रति क्विंटल
बाजरा 2350 रुपये प्रति क्विंटल
रागी 3578 रुपये के प्रति क्विंटल था
Millet के प्रमुख उत्पादक राज्य और खपत
ज्वार (sorghum millet)
ज्वार के लिए महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और मध्य प्रदेश उत्पादक राज्य है।
2020-21 में ज्वार का रकबा 4.24 मिलीयन हेक्टेयर है इसका उत्पादन 4.78 मिलियन तथा महाराष्ट्र में 2020-21 के दौरान ज्वार का सबसे बड़ा क्षेत्र था।
बाजरा (pearl millet)
बाजरा उत्पादन में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक अव्वल राज्य हैं राजस्थान 2020-21 का देश में सबसे अधिक बाजरा उत्पादन राज्य है।
खपत
फिलहाल के दिनों में मोटे अनाजों की खपत कम है।
NSSO घरेलू उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण के अनुसार:
ग्रामीण और शहरी परिवारों में से 10% से कम की खपत की सूचना है।
शहरी क्षेत्रों में मोटे अनाजों की मासिक ब्याज 9.322 किलोग्राम ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में कम है।
गुजरात में ज्वार और बाजरा कर्नाटक में ज्वार और रागी महाराष्ट्र में ज्वार और बाजरा राजस्थान में बाजरा, उत्तराखंड में रागी का खपत है।
निष्कर्ष
इसकी उपज एशिया और अफ्रीका में कम आय वाले देशों में उपज होती है और विकासशील देशों में इसकी उपज होती है।
दुनिया भर में लगभग 60 करोड़ लोगों की खाद्य टोकरी का हिस्सा है।
2023 को international millet year घोषित करने का प्रयास किया गया है और इस वर्ष इसका आयोजन किया जाना बहुत महत्वपूर्ण है।
और भारत इस तरह का आयोजन शुरू करने में एक वैश्विक नेता के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। इससे भारत की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और बढ़ेगी।
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