Pradhanmantri kaushal vikas yojana: प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत स्किल इंडिया मिशन के तहत 2015 में किया गया था। यह भारत सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है एवं उन्हें रोजगार उन्मुखी बनाना है। यह विश्व कौशल युवा दिवस के अवसर पर लांच किया गया था।
Kaushal vikas yojana के तहत construction, electronics, hardware, food processing, fitting, leather technology जैसे 40 तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है हालांकि, आम बजट 2023-24 में इसमें बड़ा बदलाव किया गया है। PMKVY 3 महीने, 6 महीने एवं 1 साल का short term courses हैं जिसमें प्रशिक्षण पूरी होने के बाद 8,000 रुपये की पुरस्कार राशि एवं एक सर्टिफिकेट दिया जाता है।
PMKVY 2023 मे बड़ा बदलाव
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 40 तकनीकी क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आम बजट 2023-24 में कौशल विकास योजना का दायरा और बढ़ाया गया है इसके तहत युवाओं और कामगारों को नई पीढ़ी के कौशल से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें artificial intelligence, robotics, internet of things, 3D printing, drone और soft skill जैसे कोर्स शामिल किए जाएंगे।
कितना प्रभावी है PMKVY योजना?
अगले 3 वर्षों के प्रशिक्षण के लिए PMKVY 4.0 शुरू किया जाएगा| जिसमें आधुनिक एवं नई पीढ़ी के पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है।
अभी तक PMKVY को 3 चरणों में लांच किया गया है। जिसके बारे में सरकार ने कुछ आंकड़ों को पेश किया है जिसकी चर्चा करेंगे एवं आगे जानने की कोशिश करेंगे कि की यह युवाओ के लिए कितना कारगर साबित होगा।
– PMKVY का पहला चरण PMKVY 1.0 2015-16 के लिए लागू किया गया। जिसके तहत 19.85 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया एवं रोजगार के लायक बनाया गया।
– PMKVY का दूसरा चरण PMKVY 2.0 2016-20 के लिए लागू किया गया एवं इसके तहत 1.2 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया एवं उन्हें रोजगार उन्मुख बनाया गया।
– PMKVY का तीसरा चरण PMKVY 3.0 2020 में लांच किया गया। इस योजना का विस्तार 28 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 717 जिलों तक हो चुका है।
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क्या है PMKVY की जमीनी हकीकत?
Pradhanmantri kaushal vikas yojana के तहत संचालित होने वाले प्रशिक्षण केंद्र की जमीनी हकीकत को जानने के लिए हमने प्रशिक्षण केंद्रों का दौरा किया और साथ ही साथ इंटरनेट का भी सहारा लिया। हमारे कुछ मित्र भी इस योजना के तहत ट्रेनिंग किए हुए हैं उनसे भी हमने जानकारी ली। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षक का काम कर चुके विमल पाल कि कुछ रिपोर्ट्स….
– इस योजना को एक बिजनेस मॉडल बना दिया गया है। संचालक और प्रशिक्षक पैसा बनाने में लगे रहते हैं और ट्रेनिंग क्वालिटी और लैब के उपकरणों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता।
– कुछ प्रशिक्षण केंद्रों पर क्वालिफाइड ट्रेनर्स का भी अभाव है इन्हें छोटी-छोटी चीजों के बारे में भी जानकारी नहीं है और वे जुगाड़ू विधि से सर्टिफाइड होकर प्रशिक्षक बने हैं।
– PMKVY ट्रेनिंग के बाद 75 परसेंट छात्रों को नौकरी देने की बात करता है पर कोई ट्रेनिंग सेंटर इसे पूरा नहीं करता है।
– SOPs (standard operating procedures) के अनुसार 75 परसेंट ट्रेनिंग सेंटर के पास खुद का लैब नहीं है।
– वैसे लोग जो इस स्कीम के तहत नौकरी प्राप्त किए हैं उन्हें काफी कम सैलरी मिलती है जो जीविका के लिए काफी कम है।