नमस्कार दोस्तों पढ़ो पढ़ाओ में आपका स्वागत है। आपने वैगनर ग्रुप का नाम सुना होगा और यदि वैगनर ग्रुप के बारे में नहीं जानते है तो हम इस टॉपिक को भी कवर करने का प्रयास करेंगे और लेटेस्ट खबर पर भी चर्चा करेंगे की रूस में अभी क्या चल रहा है।
वैगनर ग्रुप के बारे में संक्षेप में बोले तो तो यह रूस का प्राइवेट आर्मी है जिसे समय समय पर रूस इस्तेमाल करता है जैसे बड़े बड़े युद्ध में। हाल ही में रूस और उक्रेन युद्ध देखने को मिला जिसमे रूस के तरह से वैगनर ग्रुप ने मोर्चा संभाल रखा था। अब चलते है खबर के तरफ।
क्या है खबर?
आपको बताते चले की प्राइवेट आर्मी कंपनी वैगनर ग्रुप पहले रूस के तरह से लड़ रही थी, पर इसी रूस में ही तख़्तापलट करने का प्लान बना लिया था। जिसके लिए बीते कुछ दिन पहले वैगनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन ने रूस के सैन्य नेतृत्व के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी जिसके बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस समूह पर रूस को धोखा देने का आरोप लगाया और करवाई करने की घोषणा कर दी। रूस के रक्षा मंत्री ने प्रिगोझिन के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट भी जारी कर दिया।
वैगनर ग्रुप क्या है?
वैगनर ग्रुप ऐसे उग्रवादी सैनिको का संगठन है जो भाड़े पर किसी के लिए काम करता है। वैगनर ग्रुप साल 2014 में अस्तित्व में आया था जब क्रीमिया पर कब्जे के लिए उक्रेन और रूस के बीच संघर्ष छिड़ गया था। उस समय प्रिगोझिन ने कहा था की वह सैनिको का एक ऐसा समूह बनाएगा जो रूस को सैन्य अभियान में मदद करेगा। इसके बाद ही इस प्राइवेट आर्मी का गठन हुआ था।
अब वैगनर ग्रुप, रूस के विरोध में क्यों है?
दरअसल प्रिगोझिन ने बीते 23 जून को रूस रक्षामंत्री Sergei Shoigu पर आरोप लगते हुए दावा किया की रूसी रक्षामंत्री ने उक्रेन में वैगनर आर्मी पर राकेट से हमले का आदेश दिया था जिसके चलते वैगनर आर्मी के बहुत सारे लड़ाके मारे गए इसलिए प्रिगोझिन ने ऐलान किया की वे इस हमले का बदला रूसी रक्षामंत्री से लेंगे और इसमें रूसी सेना दखलंदाजी नहीं करेगी। इसके बाद प्रिगोझिन ने अपने आर्मी के साथ उक्रेन से लौट आये और रूस के सीमा में मार्च शुरू कर दिया। बीते 24 जून को प्रिगोझिन की ओर से दावा किया गया की उन्होंने रूस के दक्षिणी शहर Rostov – on – Don में कब्ज़ा कर लिया है। उसके बाद उनका अगला कदम मॉस्को होगा।
जिसके बाद पुतिन ने रूस की जनता को सम्बोधित करते हुए कहा की हमारी पीठ में छुरा घोपा गया है और उन्हें इसकी सजा मिलेगी इसका हम करारा जबाब देंगे।
इस सम्बोधन के बाद मॉस्को और वोरोनेझ में काउंटर टेररिज्म ऑफ़ इमरजेंसी का ऐलान करते हुए एंटी टेरर ऑपरेशन भी चलाया गया। इसके बाद बेलारूस के राष्ट्रपति ने प्रिगोझिन से मध्यस्थता की पेशकश की मध्यस्थता के बाद प्रिगोझिन ने अपने लड़ाकों को पीछे हटाने का फैसला किया। इसी बीच यह सुचना मिली है की वैगनर ग्रुप से नेपाल के गोरखा भी जुड़ रहे है। असल में नेपाली गोरखा को बेहतर योद्धा माना जाता है। इन्हे ब्रिटिश औपनिवेशक द्वारा भर्ती किया गया था जिसके बाद ये कई देशो में सेवा दी है। अब बात ये है की नेपाली गोरखा प्राइवेट आर्मी ग्रुप के साथ क्यों जुड़ रहे है।
नेपाली गोरखा वैगनर ग्रुप में क्यों शामिल हो रहे हैं?
दरअसल नेपाली गोरखा वैगनर ग्रुप में रूसी नागरिकता के लिए शामिल हो रहे है। दरअसल बीते 16 मई को रूसी अधिकारी ने एक पहल की जिसके मुताबिक अगर गोरखा लोग सेना में 1 साल की दे लेते है तो उसके बाद इनको रूस नागरिकता आसानी से मिल जाएगी।
जहां तक बात रूस की नागरिकता तक सीमित नहीं है क्योंकि अगर वैगनर ग्रुप, रूस की ओर से नहीं लड़ेगा तो शायद गोरखा लोगो को रूस की नागरिकता नहीं मिलेगी। इसके पीछे एक और वजह ये भी हो सकता है की भारतीय सेना में अब नेपाली भर्ती कम कर दी गई है और अग्निवीर योजना भी ला दी गई है और ये योजना बिना पेंशन और कम समय के लिए है तो इसमें करियर की कोई चांस नहीं है और साथ ही नेपाल में बेरोजगारी दर बढ़ गई है तो एक ये भी कारण हो सकता है।