माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई जितना समुद्री गहराई तक पहुंच गया प्रदूषण

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धरती पर जीवन को गति देने में समुद्र की एक बड़ी भूमिका होती है, लेकिन प्रदूषण में इस समय समुद्र को खतरे में डाल दिया है। आपको बता दें कि जलवायु नियंत्रण में समुंद्र की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है तथा पृथ्वी पर मौजूद ऑक्सीजन में समुद्र 50% से ज्यादा सहयोग करते हैं। कुल अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का लगभग 70 से 80% व्यापार समुंद्र के जरिए होता है लेकिन आज समुद्र प्रदूषण की मार से जूझ रहा है।

एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि पृथ्वी के सबसे गहरे स्थानों में से एक अटकामा ट्रेंच तक प्रदूषण पहुंच गया है।

हाल ही में वैज्ञानिकों की टीम ने प्रशांत महासागर में लगभग 8,065 मीटर की गहराई में मानव निर्मित प्रदूषक पाया है। यह पेरू और चिल्ली के तट लगभग से 160 किलोमीटर दूर समुद्री खाई है। अटकामा का सबसे गहरा बिंदु मोटे तौर पर एवरेस्ट की ऊंचाई के समान है।

वाशिंगटन स्थित शोधकर्ताओं ने प्रशांत महासागर के अटाकामा ट्रेच में PCB यानी पॉलीक्लोरिनेटेड बाइफिनाइल के होने की पुष्टि की है।

1930 से 1970 के दशक में पीसीबी का उपयोग भारी मात्रा में देखने को मिला है। पीसीबी का उपयोग बिजली के उपकरण, पेंट, शीतलक, वोल्टेज रेगुलेटर, फ्लोरोसेंट लाइट और कैपेसिटी जैसे उत्पादों को बनाने में किया जाता था। 1970 के दशक के मध्य से इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया। इसके विघटन में दशकों लग जाते हैं।

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