जब बात जेलों की होती है तो मन में सबसे पहले यह सवाल आता है की जेलों में किस तरह का भोजन मिलता है। फिल्मों में अक्सर आपने देखा होगा की भोजन में दो सूखी रोटियां, पानी वाली दालें एवं सड़े हुए चावल के भात भी मिलते हैं। इन सब को देख कर आपके मन में यह सवाल आता होगा की क्या सच में जेल का खाना कैसा होता है। आइए जानते हैं की जेल में किस प्रकार का खाना मिलता है और जेल का माहौल कैसा होता है। एक साधारण व्यक्ति जेल चला जाए तो उसके साथ क्या किया घटना घट सकता है।
राज्य सरकार के अधीन
जेल राज्य सरकार के अंतर्गत आते हैं। जेल की सारी व्यवस्थाएं का खर्च राज्य सरकारें वहन करती है। राज्य सरकारें जेलों में रहने वाले कैदियों के लिए भोजन एवं काम का प्रबंध करती है। नेशनल क्राईम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के अनुसार राज्य सरकार प्रति व्यक्ति के भोजन पर हर रोज लगभग 53 रुपए खर्च करती है और उनके लिए काम की व्यवस्था भी करती है।
वेज या नॉन वेज
जेलों में आमतौर पर वेज खाना जैसे दाल, रोटी, सब्जी, चावल कढ़ी आदि ही उपलब्ध कराया जाता है इसके अलावा आप जेल प्रशासन से परमिशन लेकर 2 हज़ार रुपये घर से प्रतिमाह मंगवा सकते हैं और इसका उपयोग बाहर से कैंटीन के लिए कर सकते हैं।
जेल के खाने से जुड़ी कुछ मान्यताएं
आमतौर पर कुछ लोगों का यह विश्वास है की यदि आप बुरे दौर से गुजर रहे हैं और बुरा वक्त आपका पीछा नहीं छोड़ रहा है तो इन सब से बचने के लिए जेल की रसोई में बना खाना खाना चाहिए। जेल का खाना खाने से जीवन की सभी परेशानियां समाप्त हो सकती है।
कुछ संत एवं फकीर जेल की मिट्टी से ताबीज बनाकर लोगों को देते हैं जिसे काफी प्रभावी माना जाता है।
बड़े-बड़े लोग जैसे वकील, जज, पत्रकार, बैंक मैनेजर ,जेलर से जेल के अंदर का भोजन का प्रबंध करने का अनुरोध करते हैं। ऐसा माना जाता है की जेल के भोजन में असाधारण शक्तियां वास करती है जिससे कल्याण हो सकता है।
जेल के अंदर का माहौल
निसंदेह जेल के अंदर आपको फ्री में भोजन मिल जाएगा लेकिन इसके लिए आपको बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
जेल में खतरनाक कैदी बंद रहते हैं जो नए कैदियों खासकर कम उम्र वाले लोगों का शोषण करते हैं। उनकी पिटाई करते हैं, जबरन उनके सामान छीन लेते हैं यू कहे तो पूरे जेल पर इनका वर्चस्व रहता है। आपसे ये मालिश करवाएंगे, आपकी पिटाई भी करेंगे, आपके पैसे छीन लेंगे यहां तक की यौन शोषण भी कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि अपराधियों के संगत में रहकर आप अपराधी भी बन सकते हैं।
जेल का अर्थ भले ही सुधार गृह होता है लेकिन वहां पर कुव्यवस्थाओं का अंबार लगा रहता है। यदि आप गरीब हैं तोे जेलआपके लिए नर्क के समान है आपके साथ तरह-तरह की प्रताड़ना हो सकती है। जेल के खूंखार कैदी जिन्हें हिंसक वारदात के जुर्म में आजीवन कारावास में मिला रहता है वही फैसला करते हैं कि नया कैदी कहां रहेगा। जेल में इतनी भीड़ रहती है कि आपको सोने के लिए बिस्तर मिलना भी मुश्किल हो जाएगा एवं आपको बहुत सारी परेशानियां मिलती है।
सुबह 6 बजे उठा दिया जाता है एवं चाय चने का नाश्ता देकर जेल में काम करवाया जाता है। जेल का खाना सही नहीं रहता जेल के खाने में कीड़े मिलना साधारण सी बात है।
हमारे देश में इतनी गरीबी और भुखमरी है कि बहुत से लोग पेट भरने के लिए जेलों में रहना पसंद करते हैं इसके लिए वे क्राइम कर बैठते हैं। ऐसा देखने को मिलता है की जेल के नजदीक रहने वाली औरतें जब प्रेग्नेंट होती है तो चोरी और झगड़ा करके जेल चले जातीे हैं जहां उन्हें दोनों टाइम भोजन और उपचार उपलब्ध हो जाता है।
एक ऐसी ही मान्यता है की प्रेगनेंसी के दौरान जेल जाने से बेटा पैदा होता है इस अंधविश्वास के कारण भी बहुत सी औरतें जेल में बच्चे को जन्म देना चाहती है।
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