कोई आपकी जमीन पर कब्जा कर ले, तो यहां करें शिकायत जल्दी होगा समाधान।

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अगर किसी ने आप की जमीन पर कब्जा कर लिया है या करने का प्रयास कर रहा है और आपके पास जमीन से जुड़े सारे कागजात हैं तो आप को डरने की जरूरत नहीं। हो सकता है कब्जा करने वाला व्यक्ति दबंग या सामाजिक बैठ वाला हो और आपको डरा धमका भी रहा हो फिर भी आपको डरने की जरूरत नहीं है। हम कुछ ऐसी प्रक्रिया के बारे में बताएंगे जिससे आप अपने जमीन को आसानी से कब्जे से छुड़वा सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरी प्रक्रिया?

पुलिस में शिकायत

आमतौर पर जमीनी मामले में लोगों द्वारा यह सलाह दी जाती है की पुलिस में शिकायत करें। पुलिस में शिकायत करने से समाधान हो सकता है लेकिन ऐसे लाखों कैस है जिसमें पुलिस द्वारा मदद नहीं की जाती है। होता यह है कि आप शिकायत करने के लिए पुलिस स्टेशन गये लेकिन पुलिस द्वारा FIR नहीं लिखा जाता है इसमें कब्जा करने वाले व्यक्ति का पुलिस में जान पहचान होती है और वह पुलिस को पैसे दे देता है इस तरह आपकी शिकायत की कोई सुनवाई नहीं होती। लेकिन इसके बाद रास्ते बंद नहीं होते इससे परे बहुत सारे रास्ते हैं आइए जानने की कोशिश करते हैं।

जिला पुलिस DSP या SSP कार्यालय में शिकायत

अगर पुलिस प्रशासन या थाना प्रशासन आपकी शिकायत की सुनवाई नहीं कर रहा है तो आप अपने जिले के डीएसपी या एसएसपी कार्यालय या दोनों के यहां आवेदन दे सकते हैं। इस आवेदन में इस बात को मेंशन जरूर करें की संबंधित थाने में एफ आई आर दर्ज नहीं की जा रही है यहां तक की जमीन पर कब्जा करने वाले व्यक्ति को ही पुलिस द्वारा समर्थन दिया जा रहा है। आवेदन देने के बाद आपको रिसिविंग की कॉपी मिलेगी। यह आवेदन आप by post भी कर सकते हैं। कंप्लेंन करने के बाद रिसीविंग एवं आवेदन की फोटोकॉपी अपने पास रखें। जिला प्रशासन के आदेश के बाद जिला पुलिस थाने का औचक निरीक्षण करेगी एवं मामले पर सुनवाई की जाएगी।

बहुत लोगों का कहना है की इस प्रक्रिया के बाद भी कोई करवाई नहीं होती है। जिला प्रशासन के डीएसपी एवं एसएसपी कार्यालय में कई बार आवेदन दिया जा चुका है लेकिन फिर भी कोई करवाई नहीं किया गया है।

कोर्ट में मुकदमा

अगर कंप्लेन करने के बाद भी थाना प्रशासन एवं जिला प्रशासन मामले की सुनवाई नहीं कर रहा है तो आप न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इसके लिए आपके पास कुछ सबूत एवं जानकारी होना जरूरी है ताकि जल्द से जल्द मामले को निपटाया जा सके।

जिला पुलिस प्रशासन के यहां कंप्लेंट करने के बाद मिलने वाला रिसीविंग एवं आवेदन की फोटोकॉपी आपके लिए काफी मददगार साबित होंगे। न्यायालय में मुकदमा दायर करने से पहले आप रिसिविंग एवं आवेदन के फोटोकॉपी को तैयार रखें। यह इस बात का सबूत होता है की आपने पहले प्रशासन के सामने अपनी बात रखी लेकिन सुनवाई ना होने के कारण न्यायालय की ओर रुख किया है।

आवेदन का फोटो कॉपी इस बात का सबूत है कि यह कब्जा प्रतिकूल नहीं है यानी आपके द्वारा पहले भी कंप्लेन किया क्या है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके साथ कोर्ट में आवेदन करने पर जल्द ही सुनवाई होगी।

जिस थाना प्रशासन ने FIR लिखने से मना कर दिया था वही कोर्ट के आदेश के बाद आपको सहयोग देने के लिए मजबूर हो जाएगा एवं free of cost आपकी सहायता करेगा।

कभी-कभी ऐसा होता है की हम थाना प्रशासन या जिला प्रशासन में शिकायत करने के बजाए डायरेक्ट न्यायालय की ओर रुख करते हैं तो ऐसे में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है की मुकदमा तो दर्ज हो जाए लेकिन न्यायालय द्वारा सुनवाई में काफी समय लग सकता हैं। वहीं अगर आपके पास जिला प्रशासन में दिए गए आवेदन की कॉपी एवं रिसिविंग होगी तो न्यायालय में recovery of position के लिए आवेदन करने पर जल्द ही सुनवाई होगी। यह इस बात का प्रमाण होता है की मामला पुराना है और थाना प्रशासन या जिला प्रशासन द्वारा कोई सहयोग नहीं किया जा रहा।

निष्कर्ष

पूरे देश में ऐसे मामले हजारों लाखों की संख्या में दर्ज किये जाते हैं और कितने ऐसे मामले होते हैं जिसमें पुलिस द्वारा एफ आई आर भी नहीं लिखा जाता है। भारत में जमीनी विवाद एक गंभीर मुद्दा है। सरकार और न्यायालय को इस बात का संज्ञान लेना चाहिए एवं जल्द से जल्द जमीनी विवाद मामले की सुनवाई की जानी चाहिए।

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