ब्रह्मांड में पृथ्वी के जैसे लाखों-करोड़ों ग्रह है ऐसे में हमेशा से यह प्रश्न उठाया जाता रहा है की क्या पृथ्वी के अलावा भी ऐसे ग्रह है जहां पर जीवन संभव है और पृथ्वी के जैसे ही वहां पर लोग रह रहे हैं। अनेकों साल से यह रहस्य बने हुए हैं, वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से परे ग्रह के लोगों का एलियंस नाम दिया है हालांकि उनके होने का कोई ठोस प्रमाण नजर नहीं आता है। अमेरिका के नासा वैज्ञानिकों के अनुसार एलियंस का पृथ्वी पर आने का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है लेकिन उनके आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
इस ब्लॉग में हम ये जानेंगे कि वाकई क्या एलियंस है और है तो कहां है। अगर वे मिल जाए तो कैसे दिखेंगे, हम उनसे बात कैसे कर पाएंगे और क्या वह हमारे लिए अच्छे हैं इन सब प्रश्नों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं।
एलियंस के बारे में कहां और कैसे उठा सवाल
नेटली हेंस पेशे से एक लेखिका और वे ऐतिहासिक पहलुओं पर रिसर्च करती हैं। नेटली हेंस ने लूसियन्स की किताब “ए ट्रू हिस्ट्री” का जिक्र करते हुए बताया कि लगभग 2000 साल पहले एक अंतरिक्ष यात्रा की कल्पना की गई है जिसमें उठते बवंडर के साथ 2 लोग चांद पर पहुंच गए थे जिसमें पूरे 7 दिन लगे थे। अगर आज रॉकेट से चांद की यात्रा की जाए तो आधे यानी लगभग चार दिनों की यात्रा में पहुंच सकते हैं। किताब में जिक्र किया गया है कि उस समय चांद के राजा और सूर्य के राजा के बीच लड़ाई चल रही थी और जो सैनिक थे वो अजीबोगरीब लग रहे थे।
10 वीं सदी के एक जापानी किताब “Bamboo cutter” में एक कहानी का जिक्र किया गया है। एक लकड़हारा जंगल में बांस काटने गया था बांस काटने के दौरान एक तीव्र प्रकाश दिखाई दिया उसने पास जाकर देखा तो एक नन्ही बच्ची थी उसने बच्ची को घर लाया और पाल पोस कर बड़ा किया। लड़की ने बड़े होकर बताया कि वह चांद से है और चांद से आई है।
आज तक के जितनी कहानियों में एलियंस का जिक्र किया गया है उनमें उनका रिश्ता चांद से जोड़ कर देखा गया है ऐसा लगता है एलियंस और चांद में कहीं ना कहीं एक रिश्ता है। खगोल वैज्ञानिकों ने माना की चांद धरती से साफ दिखाई देता है और शुक्र और मंगल ग्रह जैसे ग्रह पृथ्वी से नहीं दिखाई देते हैं इसीलिए सबसे ज्यादा चांद का जिक्र किया गया है।
चांद के बाद मंगल ग्रह पर भी एलियंस के होने की संभावना जताई जा रही थी। इतावली खगोल विज्ञानी ने टेलीस्कोप के जरिए चांद को देखा तो नालियों जैसी लकीरे दिखाई दी। उन्होंने अनुमान लगाया मंगल ग्रह पर भी हमारे जैसे नहरें और नालिया हैं हालांकि उस समय स्वेज नहर का निर्माण कार्य चल रहा था लेकिन यह संभावना जताई गई है की मंगल ग्रह पर जीवन है।
इसके कुछ समय बाद पोलैंड के पादरी ने एक किताब “ए वॉइस टू द वर्ल्ड” में बताया की मंगल ग्रह पर 9 फिट लंबे शाकाहारी लोग रहते हैं और उन्हें मार्शियल नाम दिया।
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दूसरे ग्रहों पर जीवन की खोज
1960 में युवा वैज्ञानिक फ्रैंक ड्रेक ने एक सौरमंडल से दूसरे सौरमंडल मे जाने वाली आवाजों को सुनने एवं उनके अस्तित्व को खोजने के लिए रेडियो तकनीक विकसित किया। उन्होंने कुछ आवाजों को कैप्चर किया हालांकि यह क्लियर नहीं हुआ की आवाज कहां से आई। ये आवाज एलियंस के भी हो सकते हैं या फिर पृथ्वी पर की ही है।
इसके अतिरिक्त 1980 के दौरान अमेरिकी सरकार ने एलियंस को खोजने के लिए सेंट इंस्टिट्यूट को वित्तीय सहायता प्रदान की। उन्होंने भी कुछ आवाज रिकॉर्ड की लेकिन अस्पष्टता यह क्लियर नहीं हो पाया कि आवाज एलियंस की है या पृथ्वी की ही कोई आवाज है।
मार्च 2009 के दौरान नासा ने केपलर अंतरिक्ष यान की शुरुआत की जो पृथ्वी के बाहर जीवन की खोज मे निकल गया। उसने लगभग 26 सौ ग्रहों का चक्कर लगाया और इस बात का अंदाजा लगाया गया कि हमारा ब्रह्मांड बहुत बड़ा है और लगभग 30 करोड़ ग्रहों की खोज की गई।
आज भी यह रहस्य कायम है कि पृथ्वी के अलावा क्या और कोई ग्रह है जहां जीवन पनप सकता है।
एलियन मिलने पर क्या करेंगे हम
स्टीफन बेक, एक खगोल शास्त्री हैं और नासा में वैज्ञानिक इतिहासकार रह चुके हैं उन्होंने बताया कि अभी तक सरकार की ओर से इसके लिए कोई रोडमैप नहीं निकाला गया है।
अगर एलियन मिल भी गए तो हमारे मन में बहुत से प्रश्न बने हुए हैं कि वे कैसे होंगे, क्या परोपकारी होंगे, उनसे कैसे बात की जा सकती है, यह कौन सी भाषा को समझेंगे इत्यादि अनेक प्रश्न हमारे मन में आते रहेंगे।
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