हम सभी आगे बढ़ना चाहते हैं और इसके लिए अपने पसंदीदा फील्ड को चुनते हैं ताकि अपने मनपसंद का करियर बना सके । इसके लिए जमकर पढ़ाई भी करनी होती है ताकि हमारा परफॉर्मेंस अच्छा हो और हम एक अच्छे लेवल पर पहुंचे। तो इस पूरे प्रोसेस में किसी को डॉक्टर बनना होता है, किसी को इंजीनियर, किसी को राइटर, किसी को वकील, किसी को बिजनेसमैन, और किसी को आईएएस आईपीएस। इस तरह हर फील्ड के लिए अलग-अलग टर्म्स एंड कंडीशन लागू होती है जिन को पूरा करने के बाद हमें अपना मनपसंद कैरियर ऑप्शन मिल पाता है।
आप लोगों में से बहुत लोग डॉक्टर बनना चाहते हैं और उसके लिए कौन सा प्रोसेस फॉलो किया जाता है इसीलिए आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से यह बताएंगे एक डॉक्टर बनने के लिए क्या-क्या जरूरी होता है और कैसे आप अपने मनपसंद करियर में आगे बढ़ सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि डॉक्टर बनने के लिए कौन-कौन से कंपलसरी टेस्ट देने पड़ते हैं और कैसे NEET का एग्जाम आपको डॉक्टर बना सकता है चलिए शुरू करते हैं।
NEET kya hai?
NEET का फुल फॉर्म National Eligibility cum Entrance Test होता है। भारत में मेडिकल फील्ड जैसे MBBS(Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery), BDS( Bachelor of Dental Surgery), आयुर्वेद जैसे मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए इस एग्जाम को कंडक्ट कराया जाता है।
नीट का एक्जाम NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा कंडक्ट गाया जाता है। यह दो लेवल पर होता है UG and PG. MBBS और BDS जैसे कोर्सेज में एडमिशन के लिए UG (under graduate) लेवल पर और MD (doctor of medicine) और MS (master of surgery) जैसे कोर्सेज में एडमिशन के लिए PG (post graduate) लेवल पर भारत के 479 मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए टेस्ट लिया जाता है।
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NEET की शुरुआत
अब यह जानना जरूरी है की नीट की जरूरत क्यों पड़ी। दरअसल पहले मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए CBSE द्वारा AIPMT और अलग अलग राज्य द्वारा अलग-अलग टेस्ट आयोजित किए जाते थे तो इस स्थिति में हर स्टूडेंट्स को 7 से 8 एंट्रेंस टेस्ट देने पड़ते थे जिससे ना केवल उन्हें बेहद प्रेशर में रहते हुए अच्छा प्रदर्शन करना होता था बल्कि एप्लीकेशन फी और एग्जाम में अपीयर होने के लिए बहुत खर्चा उठाना पड़ता था तो इस फाइनेंसियल खर्च को कम करने और टाइम एंड अफोर्ड वेस्ट को रोकने के लिए नीट एग्जाम को 5 मई 2013 में लाया गया। यह एंट्रेंस टेस्ट एआईपीएमटी और राज्य के अलग-अलग मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट को रिप्लेस कर दिया है।
Eligibility criteria
ये एक सिंगल स्टेज एग्जाम है जो ऑफलाइन कराया जाता है। आगे यह ऑफलाइन होगी या ऑनलाइन होगी यह अभी तय नहीं हुआ है। आने वाले दिनों में इस एंट्रेंस टेस्ट को साल में दो बार किये जाने की संभावना है।
इस एग्जाम की टाइम ड्यूरेशन 3 घंटे की होती है जिसमें ऑब्जेक्टिव बेस्ड क्वेश्चन होते हैं और नेगेटिव मार्क्स भी शामिल होते हैं। इसमें PCB या नहीं फिजिक्स केमिस्ट्री और बायोलॉजी या बायो टेक्नोलॉजी से रिलेटेड क्वेश्चन पूछे जाते हैं, मैथमेटिक्स की कोई जरूरत नहीं होती।
अप्लाई करने की न्यूनतम उम्र 17 साल है एवं 12वीं में कम से कम 50% अंक होने चाहिए। कैंडिडेट को भारत का नागरिक होना चाहिए।
NEET preparation से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।
अगर आप अपने लाइफ में कोई इंपॉर्टेंट डिसीजन लेने जा रहे हैं तो सोच समझ कर लीजिए। अपने आप से पूछिए क्या आप वाकई डॉक्टर बनना चाहते हैं अगर हां तो जुट जाइए। आपके अपने सपनों को आपको ही हकीकत बनाना है। 12वी को अच्छे से क्लियर कीजिए और फिजिक्स केमेस्ट्री बायोलॉजी पर विशेष फोकस कीजिए। टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान रखिए। अगर आपने पहले भी attempt दिया है और नेक्स्ट अटेम्प्ट देने जा रहे हैं तो पिछली बार आपसे कहां चूक हुई थी उस पर विशेष ध्यान दें। Vision को क्लियर रखते हुए ऑथेंटिक बुक का सहारा लें ताकि आप अपने सपने की तरफ एक लंबी छलांग लगाये। खुद को एक कमरे में बंद करके पढ़ने की बजाय टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें और स्ट्रेस फ्री रहें। आशा है हमारा लेख आपको पसंद आएगा और आपके लिए हेल्पफुल रहेगा।
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