OPS Vs NPS, पुरानी और नई पेंशन स्कीम में क्या है अंतर? जानिए सब कुछ आसान शब्दों में

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Page Follow Us

OPS Vs NPS: किसी सरकारी कर्मचारी के रिटायरमेंट होने के बाद उसे मासिक भत्ता के रूप में एक राशि दी जाती है जिसे पेंशन कहते हैं यह रिटायर्ड कर्मचारियों के मूलभूत आवश्यकताओं को पूरी करते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं में भी योगदान करता है। बीते कुछ सालों में पेंशन योजनाओं में बदलाव देखा गया है बदलाव के पहले की पेंशन स्कीम को पुरानी पेंशन स्कीम यानी OPS एवं बदलाव के बाद की की पेंशन स्कीम को नई पेंशन स्कीम या राष्ट्रीय पेंशन स्कीम NPS कहा जाता है।

आईए जानते हैं पुरानी पेंशन स्कीम एवं नई पेंशन स्कीम या नेशनल पेंशन स्कीम में क्या अंतर है तथा इनके क्या लाभ हैं एवं क्या चुनौतियां हैं एवं सरकार पेंशन योजना में क्यों बदलाव किया गया है तथा नई पेंशन स्कीम को लांच किया गया है साथ ही साथ ही यह भी जानेंगे नई पेंशन स्कीम के क्या फायदे हैं।

पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)

पुरानी पेंशन स्कीम को “defined benefit scheme” भी कहा जाता है यानी यह पूरी तरह से एक सुनियोजित व्यवस्था है जिसमें एक कर्मचारी को उसके अंतिम वेतन का 50% राशि कर्मचारियों को पेंशन के रूप में दिया जाता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि प्रत्येक वर्ष महंगाई के अनुसार dearness allowance यानी महंगाई भत्ता भी दिया जाता है। यह 100% गवर्नमेंट फंडिंग होती है इसमें कर्मचारियों का कोई योगदान नहीं होता है और पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है।

राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS)

पुरानी पेंशन योजना में के तर्ज पर ही नेशनल पेंशन स्कीम दिया नई पेंशन स्कीम को लांच किया गया है। यह पुरानी पेंशन स्कीम से काफी भिन्न है। नई पेंशन स्कीम में भी कर्मचारियों के लिए पेंशन की व्यवस्था की गई है लेकिन इस पेंशन की फंडिंग में सरकार एवं कर्मचारी दोनों का सहयोग होता है। कर्मचारी के वेतन का 10% और सरकार द्वारा वेतन का 14% योगदान दिया जाता है और उसे राशि को एक फंड के रूप में एकत्रित किया जाता है एवं government bonds या equity financing के माध्यम से निवेश किया जाता है। कर्मचारी के रिटायरमेंट के पश्चात उन्हें कुछ राशि एवं मासिक पेंशन शुरू कर दिया जाता है।

OPS पुरानी पेंशन स्कीम के फायदे एवं चुनौतियां

सरकार का मानना है कि बदलते समय के अनुसार शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार हुआ है तथा लोगों की जीवन प्रत्याशा (life expectancy) भी बढ़ी है ऐसे में रिटायरमेंट के बाद भी एक लंबे समय तक महंगाई भत्ता के साथ पेंशन देना राजकोष पर अतिरिक्त बढ़ावा देता है जिससे अन्य सार्वजनिक कार्यों के लिए सरकार के पास फंड की कमी रहती है।

पुरानी पेंशन स्कीम कर्मचारियों के लिए बेहद फायदेमंद है जो 100% गवर्नमेंट द्वारा फंड की जाती है और पूरी तरह से टैक्स फ्री है इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष महंगाई के साथ-साथ महंगाई भत्ता भी दिया जाता है ऐसे में ओल्ड एज के लिए काफी सपोर्टिव है।

NPS राष्ट्रीय पेंशन योजना के फायदे और चुनौतियां

राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत कर्मचारी (10%) एवं सरकार (14%) दोनों मिलकर एक फंड के तहत निवेश करेंगे जिससे और आय के स्रोत विकसित होंगे एवं लोगों को रोजगार मिलेगा और इसके साथ ही सरकार की आय में वृद्धि होगी जिससे सरकार लोक कल्याणकारी कार्यों को बढ़ावा दे सकेगी।

Challenges

पुरानी पेंशन योजना की तरह इस योजना में कर्मचारियों को फिक्स्ड राशि नहीं मिलेगी बल्कि बाजार के हिसाब से उसमें कमी या बढ़ोतरी देखी जा सकती है और इसके साथ हैं कर्मचारियों को टैक्स भरनी होगी। आपातकालीन स्थिति में यदि कर्मचारी चाहे तो वह एक साथ अपना पूरा पैसा नहीं निकल सकेगा। यह राशि रिटायरमेंट के 3 साल बाद ही महज 25 परसेंट ही निकली जा सकती है ऐसे में नई पेंशन योजना कर्मचारियों की सुरक्षा जोखिम को बढ़ा सकती है।

Leave a Comment