हाल ही में कनाडा के न्यूफाउंडलैंड के पास एक दुखद घटना देखने को मिली है इस घटना में 5 पर्यटकों की एक पनडुब्बी जो समुद्र की गहराई में यात्रा कर रही थी वह लापता हो गई तो ऐसे में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या टाइटेनिक जैसी एक और जहाज डूब गई है आज के इस ब्लॉक में हम जानेंगे कि असली घटना क्या है और यह घटना कैसे घटी है।
टाइटन पनडुब्बी कहां और कैसे हुई है यह घटना
अमेरिका की एक कंपनी है जिसका नाम है ओसियन गेट, यह कंपनी पर्यटन, उद्योग, अनुसंधान अन्वेषण के लिए चालक युक्त पनडुब्बियां बनाती है।
ध्यान रहे पनडुब्बी को इंग्लिश में दो शब्द से जाना जाता है 1.) Submersible 2.) Submarine
दोनों अलग-अलग होते हैं दोनों का अर्थ अलग-अलग होता है हिंदी में एक ही शब्द है पनडुब्बी
Submersible और Submarine में अंतर क्या है?
सबमरीन की बात करें तो तुलनात्मक रूप से सबमर्सिबल (submersible) से बड़ी होती है और सबमरीन का इस्तेमाल मिलिट्री के उद्देश्य से किया जाता है जबकि सबमर्सिबल का इस्तेमाल पर्यटन, अनुसंधान, उद्योग और अन्वेषण के लिए किया जाता है।
और दोनों में सबसे बड़ा अंतर यह है की सबमरीन स्वत: संचालित होती है जबकि सबमर्सिबल को संचालित करने के लिए एक अलग से प्लेटफार्म तैयार किया जाता है जो समुद्र के ऊपर रखा होता है और यहीं से समर्सिबल को संचालित किया जाता है क्योंकि सबमर्सिबल छोटी होती है तो उसमें सभी फंक्शन को इंस्टॉल करना मुश्किल होता है इसीलिए समुंद्र के ऊपर कुछ फंक्शन को प्लेटफार्म पर रखा जाता है और वही से संचालित किया जाता है और सबमर्सिबल पानी में अंदर जाता है।
सबमर्सिबल की डूबने की घटना क्या है?
इस घटना की शुरुआत 18 जून से शुरू होती है और इस सबमर्सिबल का नाम है टाइटन यह सबमर्सिबल 5 लोगों को लेकर समुद्र के भीतर पर्यटन के उद्देश्य से जाती है यह सबमर्सिबल उत्तरी अटलांटिक महासागर में प्रवेश करता है और न्यूफाउंडलैंड जो कनाडा से 400 मील की दूरी पर जा रहा था और आपको जानकर ताज्जुब होगा की इस जगह पर टाइटेनिक जो 1912 में डूब गया था उसी का मालवा मौजूद है।
और टाइटन जहाज इसी जगह पर जा रहा था हमने आपको पहले ही बताया था कि इस पनडु्बी के अंदर स्वचालित मशीन नहीं है इसे एक प्लेटफार्म के जरिए संचालित किया जाता है और पानी के अंदर जीपीएस भी काम नहीं करता है केवल मैसेज के माध्यम से कम्युनिकेशन को स्थापित किया जाता है और यह सिस्टम बनाया गया था कि यह जब पनडुब्बी समुद्र के अंदर जाएगी तो हर 15 मिनट के बाद संदेश भेजेगी जिससे कि पता चल सके की पनडुब्बी सही जगह पर जा रही है और ठीक चल रही है और 2 घंटे तक ऐसा ही होता रहा 2 घंटे तक पनडुब्बी ने संदेश भेजा अपने प्लेटफार्म को।
2 घंटे बाद यह महसूस हुआ की पनडु्बी ने संदेश भेजना बंद कर दिया है और संदेश इधर से जा भी नहीं रहा था पनडुब्बी का अपने प्लेटफार्म से पूरी तरह संपर्क टूट गया इसके बाद राहत और बचाव कार्य का अभियान शुरू कर दिया गया।
टाइटन पनडुब्बी के बारे में
टाइटन पनडुब्बी सफेद ट्यूब के जैसी है जिसकी लंबाई 6.7 मीटर लंबी और 2.8 मीटर चौड़ी है इसके अलावा अगर हम इस पनडुब्बी के रफ्तार की बात करें तो 3 nautical miles यानी कि 5.5 किलोमीटर के प्रति घंटा से चलती है। टाइटन पनडुब्बी पर्यटकों को टाइटेनिक जहाज जो 1912 में डूब गया था उसका मलबा दिखाने ले जा रहा था। और इस पनडुब्बी का किराया ढाई लाख डॉलर है यानी कि अगर आप टाइटैनिक के मलबे को देखना चाहते हैं तो इस पनडुब्बी के माध्यम से ढाई लाख का किराया देकर देख सकते थे।
इसके अलावा यह पनडुब्बी 4000 मीटर की गहराई तक जा सकती है और टाइटेनिक जहाज का मलबा 3800 मीटर की गहराई में मौजूद है। इसके अलावा टाइटन पनडुब्बी को बहुत अधिक दबाव झेलने के लिए डिजाइन किया गया था क्योंकि समुंद्र की गहराई में दबाव बढ़ता जाता है।
समुद्र में इस तरह के अभियान क्यों मुश्किल होते हैं?
हम जानते हैं कि हमारी पृथ्वी पर जितना हिस्सा मौजूद है उसमें 70 परसेंट महासागरों से घिरा है और इस महासागर के बारे में बहुत अधिक जानकारी हम नहीं जुटा पाए इसलिए यह रहस्य का हिस्सा बना हुआ है एक्सपोर्ट का कहना है कि समुद्र की गहराई वाला हिस्सा में हम सिर्फ 10 परसेंट ही हम जानते हैं बाकी 90 परसेंट के बारे में वैज्ञानिक इतना जानकारी नहीं जुटा पाए।
ऐसा माना जाता है कि समुद्र का सतह समतल नहीं है बल्कि वहां पर भौगोलिक विशेषताएं मौजूद है जैसे कि पर्वत, पठार, पहाड़ मौजूद है अगर यह चीजें पृथ्वी पर होती तो इनका मानचित्रण करके आसानी से समझा जा सकता था लेकिन समुद्र के अंदर मानचित्रण करना बहुत मुश्किल है।
क्योंकि समुद्र के भीतर प्रकाश नहीं जा सकता, समुद्र के भीतर रेडिएशन विकिरण नहीं जा सकते हैं, समुद्र के अंदर विद्युत चुंबकत्व काम नहीं करता है और समुद्र के अंदर जीपीएस भी काम नहीं करता है ऐसे में समुद्र के भीतर मानचित्रण करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
हालांकि समुद्र के सतह में मानचित्रण के लिए ध्वनि तरंगों का प्रयोग किया जाता है।
ताजा खबर के अनुसार पनडुब्बी डूब गई है और जो लोग सवार थे उनके बचने की कोई उम्मीद नहीं है क्योकि टाइटन का मालवा मिला है और उसमे पर्याप्त ऑक्सीजन भी मौजूद नहीं था।
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