यूपीआई पेमेंट आने के बाद देश भर में डिजिटल पेमेंट्स की क्रांति देखी गई। आज एंड्राइड फोन रखने वाले हर व्यक्ति के फोन में फोन पे, अमेजॉन पे, पेटीएम, गूगल पे जैसे यूपीआई पेमेंट एप देखने को मिल रहे हैं जिससे ट्रांजैक्शन आसान हो गया है। छोटे-छोटे दुकानों से लेकर बड़ी-बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां भी यूपीआई पेमेंट का इस्तेमाल कर रही है। आपको किसी दुकान से सामान लेना हो, शॉपिंग मॉल से खरीदारी करनी हो, बिजली बिल पे करना हो तो बिना बैंक जाए आप आसानी से पेमेंट कर सकते हैं और सुविधा का लाभ ले सकते हैं।
बीते 27 मार्च को अखबारों में यह खबर छपी कि अब यूपीआई ट्रांजैक्शन पर 1 अप्रैल से 1.1% चार्ज देना होगा। लोगों में यह जानने की जिज्ञासा होने लगी कि क्या वाकई में ऐसी स्थिति होने जा रही है कि 2000 से अधिक के ट्रांजैक्शन पर चार्ज देना होगा, क्या डिजिटल पेमेंट मुश्किल हो जाएगा और डिजिटल पेमेंट के नाम पर पैसा वसूला जाएगा।
आज के ब्लॉग में हम ये जानेंगे कि क्या वाकई मे 2,000 से अधिक यूपीआई ट्रांजैक्शन पर चार्ज देनी होगी। NPCI यानी नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया ने इस बात को क्लियर करते हुए बताया है कि यूपीआई से ट्रांजैक्शन करने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा लेकिन अगर आप यूपीआई से पीपीआई (PPI) ट्रांजैक्शन करते हैं तो 1.1% चार्ज देने होंगे। अब ये PPI ट्रांजैक्शन क्या होता है और कहीं गलती से हो गया तो या फिर इससे कैसे बचें। इन चीजों के बारे में पूरी जानकारी के लिए बने रहे हमारे ब्लॉग के साथ।
NPCI क्या है और यूपीआई इससे कैसे कनेक्ट है।
एनपीसीआई रिजर्व बैंक की कंपनी है जिसका गठन retail payment and settlement act 2007 के तहत किया गया था। यह रिटेल पेमेंट एवं सेटेलमेंट में रिजर्व बैंक का मदद करता हैं।
नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया ने समय-समय पर कई प्रोडक्ट जैसे UPI, BHIM, RUPAY, IMPS, e-RUPI, Bharat bill pay, Aadhar enable payment system, check transaction आदि लांच किया जिससे डिजिटल ट्रांजैक्शन में क्रांति आई और हम आसानी से पेमेंट करने लगे।
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यूपीआई पेमेंट और इसका दायरा
यूपीआई एनपीसीआई का एक प्रोडक्ट है जिसको 2016 में लांच किया गया था। यूपीआई के द्वारा ही हम फोन पे, गूगल पे, अमेज़न पे, आदि एप्स का उपयोग कर आसानी से ट्रांजैक्शन कर पाते हैं।
आज इंग्लैंड, फ्रांस, यूनाइटेड अरब अमीरात, नेपाल, भूटान, ओमान और मलेशिया जैसे देश ने यूपीआई को अपना लिया है, जो हमारे लिए गर्व की बात है, और ट्रांजैक्शन कर रहे हैं। भारत दौरे पर आए जापान के प्रधानमंत्री ने भी यूपीआई को सराहा है और कहा है कि हमारी टीम यूपीआई के इनेबल के लिए विजिट करेगी और जापान में भी यूपीआई सिस्टम लागू किया जाएगा। सिंगापुर जैसे विकसित देश ने अपने Pay Now से यूपीआई को लिंक कर ट्रांजैक्शन कर रहा है।
एक दिन में UPI से कितना ट्रांजेक्शन कर सकते है
NPCI के नियमानुसार, एक दिन में 1 लाख ट्रांजेक्शन कर सकते है यानि एक दिन में एक मोबाइल से आप 1 लाख रुपये ही भेज सकते है, भले ही आप अपने मोबाइल में कितना भी बैंक अकाउंट जोड़ रखे हो।
हालाँकि यदि आपको बिल पेमेंट करना हो जैसे की इलेक्ट्रिसिटी बिल, गैस बिल, मर्चेंट इत्यादि यह लिमिट 5 लाख तक का है।
PPI (prepaid payment instrument) क्या है, जिस पर लगेंगे 1.1% चार्ज
आप में से हर कोई वॉलेट यानी बटुआ अगर आसान भाषा में कहें तो पर्स यूज़ करते ही होंगे जिनमें आप अपना कैस रखते हैं वैसे ही अब डिजिटल वॉलेट भी आ गया है। अगर आप फोन पे, गूगल पे अमेजॉन पे, पेटीएम आदि यूज करते हैं तो उसमें wallet का ऑप्शन भी देखा होगा यदि आप पेमेंट के लिए WALLET का उपयोग करते हैं तो 2000 से अधिक के ट्रांजैक्शन पर 1.1% चार्ज रिसीवर को देना होगा।
जैसे मान लीजिए आप जींस खरीदने के लिए किसी दुकान पर गए और 4000 की जींस खरीदी एवं पेमेंट के लिए आपने किसी पेमेंट एप के वॉलेट का उपयोग किया तो दुकानदार को 1.1% चार्ज यानी ₹44 सरकार को देने पड़ेंगे। अगर आप किसी पेमेंट ऐप द्वारा उस ऐप के Wallet में 2000 से अधिक रुपए ट्रांसफर करते हैं तो उस पेमेंट एप को 1.1% चार्ज सरकार को देना होगा। यह चार्ज किसी भी उपभोक्ता पर लागू नहीं होता है बल्कि केवल रिसीवर को ही देना होगा।
1.1% चार्ज लेने का तर्क
सरकार का मानना है उसने करोड़ों रुपए खर्च कर डिजिटल ट्रांजैक्शन को आसान बनाया है और लोग आसानी से ट्रांजैक्शन कर पा रहे हैं। यूपीआई ट्रांजैक्शन दो तरह से होता है एक पेमेंट एप आपका बैंक लिंक होता है और आप बैंक से ट्रांसफर करते हैं दूसरा पेमेंट एप में एक Wallet होता है और आप वालेट से ट्रांसफर करते हैं। सरकार का तर्क है कि अब लोग बैंक अकाउंट की जगह डिजिटल वॉलेट में भी पैसा रखने लगे हैं ऐसे में सरकार चाहती है कि लोग सारा पैसा बैंक में ही रखें इसलिए PPI ट्रांजैक्शन पर 1.1% चार्ज लगाया गया है।