Loksabha and rajyasabha difference: भारतीय संविधान के अनुसार भारत की संसद के तीन अंग हैं – राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा। आज के इस ब्लॉग में लोकसभा और राज्य सभा के बारे में जानेंगे तथा loksabha and rajyasabha में difference क्या है इसके बारे में भी जानेंगे।
जैसा की हम जानते हैं 1954 ईस्वी में राज्य परिषद एवं जनता का सदन के स्थान पर राज्य सभा एवं लोकसभा को अपनाया गया। राज्यसभा जो की उच्च सदन कहलाता हैं जबकि लोकसभा निचला सदन कहलाता हैं।
राज्य सभा में राज्य या संघ राज्यों के प्रतिनिधि होते हैं जबकि लोकसभा संपूर्ण रूप से भारत के लोगो का प्रतिनिधित्व करती हैं हालाँकि राष्ट्रपति, संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता लेकिन राष्ट्रपति, संसद के अभिन्न अंग होते हैं। क्योंकि संसद यानि लोकसभा और राज्यसभा द्वारा पारित कोई भी विधेयक तब तक लंबित रहता हैं जब तक की राष्ट्रपति उसे स्वीकृति नहीं दे देता। इस तरह राज्यसभा और लोकसभा में राष्ट्रपति की पूरी भूमिका रहती हैं।
लोकसभा और राज्यसभा क्या है?
लोकसभा (Loksabha)
लोकसभा की अधिकतम संख्या 552 निर्धारित की गई है। इनमे से 530 राज्यों के प्रतिनिधि, 20 संघ राज्य क्षेत्रो के प्रतिनिधि होते है। एंग्लो इंडियन समुदाय के दो सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत करते है।
वर्तमान में लोकसभा में 545 सदस्य है इनमे से 524 सदस्य राज्यों से तथा 19 सदस्य संघ राज्य क्षेत्रो से और दो सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत है।
यहाँ तक की लोकसभा में राज्यों के प्रतिनिधि राज्यों के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रो के लोगो द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते है तथा भारत के हर नागरिक को मत देने के अधिकार है जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है और जिसे संविधान के द्वारा या अन्य करने द्वारा अयोग्य न बताया गया हो। 1988 में 61 वें संविधान संसोधन अधिनियम द्वारा मत देने की आयु सीमा 21 वर्ष थी लेकिन बाद में उसको घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया।
लोकसभा में संसद को संघ राज्य क्षेत्रो को प्रतिनिधि चुनने का विशेषाधिकार दिया गया है। जिसके तहत संसद ने एक अधिनियम 1965 में बनाया जो संघ राज्य क्षेत्र अधिनियम कहलाता है।
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राज्यसभा (Rajya Sabha)
राज्यसभा की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित है इनमे से 238 सदस्य राज्य और संघ राज्य क्षेत्रो के प्रतिनिधि है जबकि 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किये जाते है।
वर्तमान में राज्यसभा में 245 सदस्य है इनमे से 225 राज्यों का प्रतिनिधित्व करते है, 8 संघ राज्य से और 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत है।
चूँकि राज्यसभा में राज्यों के प्रतिनिधि का निर्वाचन विधानसभा के निर्वाचन सदस्य करते है राज्य सभा के लिए राज्यों के सीटों का बटवारा राज्य के जनसँख्या के आधार पर किया जाता है। इसलिए राज्य के प्रतिनिधि की संख्या अलग – अलग राज्यों में अलग – अलग होती है। उदाहरण के तौर पर देखे तो उत्तर प्रदेश से 31 राज्य सभा सदस्य है जबकि त्रिपुरा से 1 राज्यसभा सदस्य है।
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